आरोपी को हथकड़ी लगाना और अस्पताल के बिस्तर पर जंजीर से बांधना चौंकाने वाला: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

11 Feb 2025 8:34 AM

  • आरोपी को हथकड़ी लगाना और अस्पताल के बिस्तर पर जंजीर से बांधना चौंकाने वाला: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया

    हिरासत के आधार पर हिरासत में लिए गए व्यक्ति को सूचित न करने के कारण गिरफ्तारी को अवैध घोषित करते हुए हरियाणा पुलिस के व्यवहार उसे हथकड़ी लगाना और अस्पताल के बिस्तर पर जंजीर से बांधना से हैरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को इस तरह की कार्रवाइयों को रोकने और अनुच्छेद 22 के साथ सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया, यदि आवश्यक हो तो नियम संशोधन के साथ।

    जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें अपीलकर्ता की अवैध गिरफ्तारी को खारिज करने से इनकार किया गया था।

    अदालत को हरियाणा पुलिस द्वारा अपीलकर्ता के साथ किए गए बुरे और अमानवीय व्यवहार से अवगत कराया गया (जब वह अवैध हिरासत में था) जब उसे अस्पताल ले जाया गया। उसे हथकड़ी लगाई गई और उसके पैरों को अस्पताल के बिस्तर से जंजीर से बांध दिया गया।

    अपीलकर्ता के साथ पुलिस के व्यवहार की आलोचना करते हुए न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मान के साथ जीने के उसके मौलिक अधिकार से समझौता किया गया।

    न्यायालय ने कहा,

    इस निर्णय को देने से पहले हमें पुलिस द्वारा अपीलकर्ता के साथ किए गए चौंकाने वाले व्यवहार का उल्लेख करना चाहिए। उसे हथकड़ी लगाकर अस्पताल ले जाया गया और उसे अस्पताल के बिस्तर पर जंजीरों से बांध दिया गया। यह अपने आप में भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अपीलकर्ता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। सम्मान के साथ जीने का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत अधिकारों का एक हिस्सा है। इसलिए हम राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश देने का प्रस्ताव करते हैं कि ऐसी अवैधताएं कभी न हों।”

    न्यायालय ने आदेश दिया,

    “हरियाणा राज्य पुलिस को दिशा-निर्देश/विभागीय निर्देश जारी करेगा (i) यह सुनिश्चित करने के लिए कि अस्पताल के बिस्तर पर किसी आरोपी को हथकड़ी लगाने और उसे अस्पताल के बिस्तर से बांधने का कार्य दोबारा न हो। (ii) यह सुनिश्चित करने के लिए कि अनुच्छेद 22 के तहत संवैधानिक सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया जाए। यदि आवश्यक हो तो राज्य सरकार मौजूदा नियमों/दिशानिर्देशों में संशोधन करेगी।”

    केस टाइटल: विहान कुमार बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, एसएलपी (सीआरएल) संख्या 13320/2024

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