NEET-UG 2024 | 'ग्रेस मार्क्स देना मनमाना': NEET-UG के नतीजों को वापस लेने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Shahadat

10 Jun 2024 5:00 AM GMT

  • NEET-UG 2024 | ग्रेस मार्क्स देना मनमाना: NEET-UG के नतीजों को वापस लेने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए हाल ही में घोषित राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (NEET) के नतीजों में व्यापक विसंगतियों का आरोप लगाते हुए NEET-UG 2024 के नतीजों को वापस लेने और नई परीक्षा आयोजित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।

    याचिकाकर्ताओं ने ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया। इस संबंध में यह तर्क दिया गया कि कई स्टूडेंट द्वारा प्राप्त 720 में से 718 और 719 जैसे उच्च अंक "सांख्यिकीय रूप से असंभव" है।

    यह आरोप लगाया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा परीक्षा के दौरान देरी के कारण ग्रेस मार्क्स देना कुछ स्टूडेंट को "बैकडोर एंट्री" देने के लिए दुर्भावनापूर्ण अभ्यास है।

    याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य पर भी संदेह जताया कि विशेष केंद्र के 67 स्टूडेंट को पूरे 720 अंक मिले। यह भी बताया गया कि 29 अप्रैल को NTA द्वारा प्रकाशित फाइनल आंसर की के बारे में कई शिकायतें हैं।

    याचिकाकर्ताओं ने 5 मई को आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया। पेपर लीक के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दो याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही याचिका पर नोटिस जारी किया। हालांकि परिणामों की घोषणा पर रोक लगाने से इनकार किया था।

    वर्तमान याचिका अब्दुल्ला मोहम्मद फैज़ और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन द्वारा दायर की गई, जो क्रमशः तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मूल निवासी हैं। याचिकाकर्ता एसआईओ से संबंधित हैं और स्टूडेंट के लाभ के लिए काम करने का दावा करते हैं।

    याचिकाकर्ता कथित पेपर लीक की जांच पूरी होने तक NEET-UG 2024 एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली काउंसलिंग पर भी रोक लगाने की मांग करते हैं। इसके अलावा, परीक्षा के संचालन में कथित कदाचार की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन की भी मांग की गई।

    राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को 1,500 से अधिक उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की, जिन्हें इस वर्ष की NEET (ग्रेजुएट) परीक्षा में बैठने के दौरान हुए “समय की हानि” की भरपाई के लिए “ग्रेस मार्क्स” दिए गए।

    हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से जवाब मांगा था।

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