मजिस्ट्रेट सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करते समय पुलिस खर्च वहन करने का निर्देश सुरक्षित ऋणदाता को नहीं दे सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
Amir Ahmad
4 Nov 2025 6:47 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि कोई मजिस्ट्रेट वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (SARFAESI Act) की धारा 14 के तहत सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करते समय किसी सुरक्षित ऋणदाता को पुलिस सहायता के लिए खर्च जमा करने का निर्देश नहीं दे सकता।
जस्टिस आशुतोष कुमार की पीठ ने यह फैसला अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा एक वित्तीय कंपनी और उसके ऋणदाताओं के बीच विवाद में लगाई गई शर्त को खारिज करते हुए सुनाया।
न्यायालय ने कहा,
"'2002 के अधिनियम' की धारा 14 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो मजिस्ट्रेट को सुरक्षित ऋणदाता को सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करने में पुलिस सहायता के लिए कोई भी खर्च जमा करने का निर्देश देने के लिए अधिकृत कर सके।"
यह मामला टाइगर होम फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 12 अगस्त, 2024 को अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा अधिनियम की धारा 14 के तहत जारी आदेश को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका से उत्पन्न हुआ था।
मजिस्ट्रेट ने कंपनी को खर्च जमा करने के बाद सहायता के लिए पुलिस से संपर्क करने को कहा था। बाद में पुलिस ने सहायता के लिए 6.34 लाख रुपये की मांग की जबकि ऋण राशि केवल 9.9 लाख रुपये थी।
हाईकोर्ट ने चुनौती स्वीकार करते हुए पुलिस खर्च जमा करने के निर्देश को रद्द कर दिया और कंपनी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कब्जे के आदेश को लागू करने के लिए पुलिस के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने पुलिस को जल्द से जल्द आदेशों का पालन करने का भी निर्देश दिया।

