राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क हादसे की शिकार युवती की मुआवजा राशि बढ़ाकर 1.9 करोड़ की, कहा- ये दान नहीं, न्याय व गरिमा की अनिवार्यता

Amir Ahmad

4 July 2025 12:41 PM IST

  • राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क हादसे की शिकार युवती की मुआवजा राशि बढ़ाकर 1.9 करोड़ की, कहा- ये दान नहीं, न्याय व गरिमा की अनिवार्यता

    राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटना में 21 वर्षीय युवती को 100% निचले शरीर के पक्षाघात (पैरालिसिस) के मामले में मुआवजा राशि को 1.49 करोड़ से बढ़ाकर 1.90 करोड़ कर दिया।

    जस्टिस गणेश राम मीणा की बेंच ने कहा कि यह सिर्फ शारीरिक चोट नहीं बल्कि युवती के जीवन की पहचान, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को गहरा आघात है।

    कोर्ट ने कहा,

    “यह मुआवजा कोई दया या चैरिटी नहीं बल्कि नैतिक और कानूनी ज़रूरत है। यह न्यायिक तंत्र का प्रयास है कि जो भविष्य, शरीर और स्वतंत्रता उससे छीन ली गई, उसे आंशिक रूप से ही सही, लौटाया जा सके। इससे कम कुछ भी अन्याय होगा।”

    युवती उत्तराखंड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई कर रही थी, जब तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर ने उसे टक्कर मार दी, जिससे उसका जीवन पूरी तरह बदल गया।

    कोर्ट ने कहा कि मुआवजा केवल मेडिकल खर्च नहीं बल्कि उसके जीवन के सपनों, अवसरों और गरिमा के नुकसान को भी ध्यान में रखना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिव्यांगता को लेकर समाज में मौजूद पूर्वाग्रह, उसके वैवाहिक जीवन और आत्मनिर्भर भविष्य की संभावनाओं पर भी भारी असर डालते हैं।

    कोर्ट ने साफ कहा,

    “पर्याप्त मुआवजे से इनकार करना मूल अन्याय के साथ संस्थागत उपेक्षा जोड़ने जैसा है। कानून को केवल पैसे का हिसाब नहीं करना चाहिए बल्कि उन सपनों को देखना चाहिए जो उससे छीन लिए गए।”

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