NDPS Act के तहत बिना फूल वाले बीज और पत्तियां गांजा नहीं: राजस्थान हाइकोर्ट ने भांग ठेकेदार होने का दावा करने वाले आरोपी को जमानत दी

Amir Ahmad

4 March 2024 7:25 AM GMT

  • NDPS Act के तहत बिना फूल वाले बीज और पत्तियां गांजा नहीं:  राजस्थान हाइकोर्ट ने भांग ठेकेदार होने का दावा करने वाले आरोपी को जमानत दी

    भांग ठेकेदार होने का दावा करने वाले आरोपी को जमानत देते हुए राजस्थान हाइकोर्ट ने दोहराया कि NDPS Act की परिभाषा खंड गांजा की परिभाषा के भीतर केवल भांग के पौधों के फूल या फलने वाले शीर्ष पर विचार करता है।

    जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत याचिका की अनुमति दी। पुलिस द्वारा आरोपियों के पास से 28.600 ग्राम वजनी गांजे के पौधे की पत्तियां बरामद होना दर्शाया गया।

    अदालत ने कहा,

    “NDPS Act की धारा 2 (iii) (बी) में गांजा की परिभाषा है। बिना शीर्ष के बीज और पत्तियों को गांजा नहीं कहा जाता, इसलिए मामले के गुण/दोषों पर कुछ भी टिप्पणी किए बिना मैं इसे उचित मानता हूं और आरोपी-याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करना उचित है।"

    जयपुर की पीठ ने नोट किया और ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए आरोपी को 50,000/ रुपये की दो जमानत के साथ 1,00,000/ रुपये का निजी बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    NDPS Act के अनुसार "गांजा" की परिभाषा इस प्रकार है:

    "गांजा कैनबिस पौधे के फूल या फलने वाले शीर्ष (बीज और पत्तियों को छोड़कर जब शीर्ष के साथ नहीं होते हैं) है, चाहे उन्हें किसी भी नाम से जाना या नामित किया जा सकता है।"

    आरोपी की गिरफ्तारी से पहले सवाई माधोपुर जिले के खंडार पुलिस थाने में NDPS Act की धारा 8/20 के तहत अपराध के लिए एफआईआर नंबर 32/2024 दर्ज की गई।

    हाइकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह भांग ठेकेदार है जिसके पास वैध लाइसेंस है। पुलिस द्वारा बरामद कथित प्रतिबंधित पदार्थ को गांजा के रूप में झूठा दावा किया गया। वकील ने कहा कि कैनबिस पौधे की पत्तियां और डंठल अधिनियम में दी गई गांजा की परिभाषा में शामिल नहीं हैं।

    आरोपी/याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत का ध्यान केंद्र सरकार की अधिसूचना S.O.527 दिनांक 16-07-1996 की ओर भी आकर्षित किया जिसमें नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों की छोटी और व्यावसायिक मात्रा निर्दिष्ट की गई, जिसमें भांग के पौधे की छोटी और व्यावसायिक मात्रा का उल्लेख नहीं है।

    केस टाइटल- राजेश शर्मा बनाम राजस्थान राज्य पीपी के माध्यम से

    Next Story