वकील की लापरवाही के कारण पक्षकार को परिणाम भुगतने की अनुमति नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-हाजिरी के कारण खारिज की गई आपराधिक अपील बहाल की

Amir Ahmad

15 July 2025 6:40 AM

  • वकील की लापरवाही के कारण पक्षकार को परिणाम भुगतने की अनुमति नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-हाजिरी के कारण खारिज की गई आपराधिक अपील बहाल की

    राजस्थान हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें अपीलकर्ता के वकील की गैर-हाजिरी के कारण NI Act की धारा 138 के तहत दोषसिद्धि के खिलाफ अपील खारिज कर दी गई थी।

    मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने इस फैसले को यांत्रिक और सरसरी तौर पर बिना सोचे-समझे और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध बताते हुए कहा कि किसी पक्षकार को वकील की लापरवाही के परिणाम भुगतने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    "कई फैसले इस बात की पुष्टि करते हैं कि किसी पक्षकार को अपने कानूनी वकील की लापरवाही या कदाचार के कारण दंडित या पक्षपातपूर्ण नहीं किया जाना चाहिए। इस स्थिति का आधार यह मान्यता है कि न्यायिक कार्यवाही की सत्यनिष्ठा निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों पर निर्भर करती है।"

    अदालत उनकी अपील खारिज करने और गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि दोषसिद्धि के विरुद्ध कोई भी अपील अभियोजन न होने के आधार पर खारिज नहीं की जा सकती। इसका निर्णय गुण-दोष के आधार पर किया जाना चाहिए।

    याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने माना कि उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का दायित्व अंततः पक्षकार का है। वकील की ओर से प्रक्रियात्मक चूक के कारण न्याय से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

    यह माना गया कि आदेश यांत्रिक प्रकृति का था, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध था और न्याय के हित में इसे रद्द किया जाना चाहिए।

    तदनुसार, मामला अपीलीय न्यायालय को वापस भेज दिया गया।

    केस टाइटल: फर्म जेहतमल एंड संस बनाम राजस्थान राज्य

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