तेली जाति के व्यक्ति को मुस्लिम समुदाय से होने के कारण OBC आरक्षण से वंचित नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

Amir Ahmad

12 Feb 2025 6:43 AM

  • तेली जाति के व्यक्ति को मुस्लिम समुदाय से होने के कारण OBC आरक्षण से वंचित नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि राजस्थान राज्य में OBC की केंद्रीय सूची में शामिल की गई, जाति तेली में हिंदू या गैर-हिंदू चाहे किसी भी धर्म के लोग शामिल हो सकते हैं, क्योंकि इस जाति का नाम पारंपरिक वंशानुगत व्यवसायों से लिया गया, जिसके सदस्य विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं।

    जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने सभी राज्य विभागों को उन सभी मुस्लिम उम्मीदवारों को OBC श्रेणी के तहत आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं करने के लिए सामान्य आदेश जारी किया, जो राज्य द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में आने वाली जाति से संबंधित हैं और OBC श्रेणी के तहत लाभ प्राप्त करते हैं।

    न्यायालय याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें याचिकाकर्ता OBC श्रेणी के तहत नरेगा योजना के तहत कार्यरत था। याचिकाकर्ता एक मुस्लिम तेली था और उसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा OBC प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।

    इसके बावजूद राज्य सरकार ने इस आधार पर उनकी नौकरी बंद कर दी कि तेली-मुस्लिम OBC श्रेणी में नहीं आते। याचिकाकर्ता का कहना था कि राजस्थान सरकार द्वारा 6/8/1994 को जारी गजट अधिसूचना में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि तेली जाति OBC श्रेणी में आती है। इसके बाद न्याय और समाज कल्याण विभाग द्वारा 8/11/1994 को सर्कुलर भी जारी किया गया, जिसमें आगे स्पष्ट किया गया कि तेली जाति से संबंधित व्यक्ति, चाहे वह हिंदू हो या गैर-हिंदू, OBC श्रेणी में आता है।

    इसके विपरीत राज्य ने तर्क दिया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा हाल ही में जातियों की सूची जारी की गई, जिसमें मुस्लिम-तेली को शामिल नहीं किया गया।

    दलीलों पर गौर करने के बाद न्यायालय ने याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दलीलों को स्वीकार कर लिया और न्याय एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी 28/8/2009 की अन्य अधिसूचना पर प्रकाश डाला, जिसमें OBC श्रेणी में “तेली” जाति को शामिल किया गया। साथ ही इस आशय का स्पष्टीकरण भी दिया गया कि “सभी जातियां, जो अपने-अपने पारंपरिक वंशानुगत व्यवसायों के नाम से जानी जाती हैं, जिनके सदस्य विभिन्न धर्मों का पालन करते हैं, उन जातियों के सभी सदस्य इसमें शामिल हैं, चाहे वे हिंदू धर्म, इस्लाम या किसी अन्य धर्म का पालन करते हों।

    इस प्रकाश में न्यायालय ने कहा कि तेली जाति है, जो पारंपरिक रूप से भारत, नेपाल और पाकिस्तान में तेल निकालने के काम में लगी हुई। इसके सदस्य हिंदू या मुस्लिम हो सकते हैं। न्यायालय ने कहा कि तेली को राजस्थान राज्य में OBC की केंद्रीय सूची में प्रविष्टि संख्या 51 के रूप में शामिल किया गया।

    इसलिए न्यायालय ने माना कि राज्य द्वारा अपनाए गए रुख में कोई औचित्य नहीं था और कहा,

    “प्रतिवादियों की ऐसी कार्रवाई न्याय और समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी दिनांक 28.08.2009 की अधिसूचना के विपरीत होने के कारण वैध नहीं है। इसमें उन सभी व्यक्तियों को शामिल किया गया, जो अपने पारंपरिक वंशानुगत व्यवसायों से 'तेली' हैं, भले ही वे हिंदू, इस्लाम या किसी अन्य धर्म का पालन करते हों। इस तथ्य को प्रस्ताव नंबर 12011/4/2002-बीसीसी दिनांक 19.06.2003 के माध्यम से और स्पष्ट किया गया।”

    तदनुसार, याचिका स्वीकार कर ली गई, जिसमें राज्य को निर्देश दिया गया कि यदि याचिकाकर्ता को उसकी तेली जाति के आधार पर OBC श्रेणी के तहत योग्य पाया जाता है तो उसे रोजगार प्रदान किया जाए। साथ ही सभी राज्य विभागों को सामान्य आदेश जारी किया गया कि वे ऐसे सभी मुसलमानों को OBC आरक्षण से वंचित न करें, जो राज्य के राजपत्र अधिसूचना में दिखाई देने वाली ऐसी जाति से संबंधित हैं।

    केस टाइटल: सत्तार खान बनाम जिला परिषद एवं अन्य।

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