विदेश में जन्मे भारतीय बच्चों की नागरिकता पर विचार करे केंद्र सरकार: राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से कानूनों की समीक्षा की सिफारिश की

Amir Ahmad

7 Aug 2025 3:22 PM IST

  • विदेश में जन्मे भारतीय बच्चों की नागरिकता पर विचार करे केंद्र सरकार: राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से कानूनों की समीक्षा की सिफारिश की

    राजस्थान हाईकोर्ट ने विदेश में भारतीय माता-पिता से जन्मे बच्चों की नागरिकता से जुड़ी परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार को इस विषय में मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और आवश्यक संशोधन पर विचार करने की सिफारिश की। कोर्ट ने कहा कि इन बच्चों के कल्याण और सर्वोत्तम हितों की रक्षा के लिए लचीले और मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे की जरूरत है।

    जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकल पीठ ने यह टिप्पणी पांच वर्षीय बच्ची सहर गोगिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जो ऑस्ट्रेलिया में भारतीय माता-पिता के यहां जन्मी थी। वर्तमान में माता-पिता के बीच वैवाहिक विवाद के कारण बच्ची का वीजा संकट में आ गया था।

    कोर्ट ने संबंधित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को निर्देश दिया कि वह बिना मां की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के बच्ची के वीजा को अधिकतम अवधि तक बढ़ाएं और उसके OCI कार्ड की अर्जी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर तीन महीने के भीतर निर्णय लें।

    कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में केवल तकनीकी या वैधानिक जटिलताओं से बच्चों के भविष्य से समझौता नहीं किया जा सकता। अदालत ने इस प्रसंग में संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि, 1989 (UNCRC) के अनुच्छेद 3, 5 और 9 का हवाला देते हुए कहा कि बच्चे का सर्वोत्तम हित सभी राष्ट्रों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

    कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि बच्ची की वीजा अवधि समाप्त हो जाती है तो वह अवैध प्रवासी मानी जाएगी और डिपोर्टेशन (निर्वासन) का सामना करना पड़ेगा, जो न सिर्फ अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के भी खिलाफ होगा।

    कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी जोड़ा कि भारतीय नागरिकों के विदेश में जन्मे बच्चों की स्थिति को लेकर कानूनों में स्पष्टता और मानवीय दृष्टिकोण जरूरी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह भी सलाह दी कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति और सहयोग बढ़ाने की दिशा में पहल करे।

    न्यायालय ने कहा,

    "इस तरह के मामलों के लिए एक मजबूत और लचीला अंतरराष्ट्रीय समझौता आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे के कल्याण को सर्वोपरि माना जाए।"

    केस टाइटल: Seher Gogia बनाम Foreigners Regional Registration Officer & Anr.

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