राजस्थान हाईकोर्ट ने अनावश्यक वित्तीय बोझ के कारण अभियुक्त को जेल से वर्चुअली ट्रायल में शामिल होने की अनुमति दी

Amir Ahmad

18 Oct 2024 12:33 PM IST

  • राजस्थान हाईकोर्ट ने अनावश्यक वित्तीय बोझ के कारण अभियुक्त को जेल से वर्चुअली ट्रायल में शामिल होने की अनुमति दी

    राजस्थान हाईकोर्ट ने अभियुक्त की ट्रायल कोर्ट के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होने से छूट की याचिका स्वीकार की और उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों के बयान दर्ज करने सहित कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी। कोर्ट ने उक्त अनुमित इस आधार पर दी कि अभियुक्त को यात्रा के दौरान दुश्मन गिरोहों से सुरक्षा को खतरा होने की आशंका है।

    “यह उचित माना जाता है कि याचिकाकर्ता की शारीरिक उपस्थिति को ट्रायल कोर्ट द्वारा केवल तभी निर्देशित किया जाए, जब यह आवश्यक हो कारणों को दर्ज करके अन्य सुनवाई में उसे राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए वीसी नियमों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।”

    जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ट्रायल कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दर्ज कराने की अर्जी खारिज कर दी थी।

    याचिकाकर्ता को कपूरथला पंजाब की जिला जेल में रखा गया और स्थानीय गैंगस्टरों के साथ उसकी पुरानी दुश्मनी के कारण उसे कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रायल के लिए हनुमानगढ़, राजस्थान लाया गया। याचिकाकर्ता का मामला था कि पुलिस हिरासत और सुरक्षा में होने के बावजूद उसे इस तरह की यात्रा के दौरान दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के सदस्यों से अचानक हमले की आशंका थी।

    आवेदन को ट्रायल कोर्ट ने खारिज किया, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया।

    कोर्ट ने पाया कि आरोपी को पंजाब से कड़ी सुरक्षा के बीच लाने की कवायद राज्य पर भारी वित्तीय बोझ थी। इसके अलावा इस कवायद का कोई व्यावहारिक उद्देश्य नहीं था सिवाय उन मामलों के जहां आरोपी की पहचान विवादित थी या किसी विशेष बयान को दर्ज करने के लिए उसकी शारीरिक उपस्थिति आवश्यक थी।

    कोर्ट ने माना कि ऐसे मामलों में ट्रायल कोर्ट लिखित रूप में कारण दर्ज कर सकता है। आरोपी की शारीरिक उपस्थिति के लिए आवश्यक आदेश जारी कर सकता है। हालांकि, बाकी सुनवाई के लिए राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही की जा सकती है।

    तदनुसार, याचिका को अनुमति दी गई।

    केस टाइटल: रमनदीप बनाम राजस्थान राज्य

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