बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना: राजस्थान हाईकोर्ट ने SHO के वकीलों के साथ दुर्व्यवहार के बाद जांच और सॉफ्ट-स्किल्स ट्रेनिंग का आदेश दिया

Amir Ahmad

4 Dec 2025 1:10 PM IST

  • बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना: राजस्थान हाईकोर्ट ने SHO के वकीलों के साथ दुर्व्यवहार के बाद जांच और सॉफ्ट-स्किल्स ट्रेनिंग का आदेश दिया

    पुलिस स्टेशन में रेप पीड़िता के साथ आए वकील के साथ पुलिस अधिकारियों के दुर्व्यवहार और बदसलूकी के मामले की सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि वकील और पुलिसकर्मी न्याय व्यवस्था के दो अहम हिस्से हैं, जिन्हें आपसी सम्मान और सहयोग के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि कमिश्नरेट से उम्मीद है कि इस बात की जानकारी पुलिस अकादमी को दी जाएगी जहां पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है।

    स्थानीय अखबारों के अनुसार वकील अपनी वकील पत्नी के साथ रेप पीड़िता को लेकर पुलिस स्टेशन गए थे। सिविल कपड़ों में एक व्यक्ति बिना सही प्रक्रिया अपनाए पीड़िता का बयान रिकॉर्ड कर रहा था। वकील ने इस बारे में SHO से शिकायत की, लेकिन SHO ने समस्या का समाधान करने के बजाय वकील के साथ दुर्व्यवहार और बदसलूकी करना शुरू कर दिया और उसे एक कमरे में बंद कर दिया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो वायरल हो गया।

    कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर को तलब किया था। सुनवाई के दौरान कमिश्नर ने कोर्ट को मामले में जांच करने और अगर ज़रूरी हुआ तो संबंधित SHO और अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन दिया।

    इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस घटना को तार्किक अंजाम तक पहुंचाया जाए और कमिश्नर को अगली सुनवाई की तारीख पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ की गई आगे की विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया।

    कोर्ट ने कहा,

    “पुलिस को मुश्किल हालात में काम करना पड़ता है। कभी-कभी आरोपियों के साथ सख्ती से पेश आना पड़ता है लेकिन जब वे वकीलों से निपट रहे हों तो उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। इसी तरह वकीलों से भी उम्मीद की जाती है कि वे पुलिसकर्मियों के साथ नरम तरीके से और विनम्रता से पेश आएं। यह घटना जो हमारे सामने आई है वह न्याय प्रशासन के इन दोनों अंगों के बीच तालमेल की कमी को दिखाती है।”

    इसके अलावा, भारत यादव बनाम राजस्थान राज्य के मामले का भी ज़िक्र किया गया, जिसमें इसी तरह की घटना हुई और कोर्ट ने हर ज़िला स्तर पर समन्वय समिति बनाने का सुझाव दिया। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 2019 में उन अवलोकन के बावजूद कोऑर्डिनेशन कमेटी अपना काम सक्रिय रूप से नहीं कर रही थी।

    यह निर्देश दिया गया कि हर ज़िले में कोऑर्डिनेशन कमेटी को नए सिरे से बनाया जाए और इसकी विवरण अगली तारीख को शेयर की जाएं।

    मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर, 2025 को होगी।

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