पैनल वकील का बकाया भुगतान करें या कठोर दंड का सामना करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा

Amir Ahmad

26 July 2024 12:01 PM IST

  • पैनल वकील का बकाया भुगतान करें या कठोर दंड का सामना करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह भारत संघ की ओर से पेश हुए एक सीनियर पैनल वकील को 13.21 लाख रुपये से अधिक की निर्विवाद स्वीकार्य राशि का भुगतान करे और यदि निर्धारित समय के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है तो कठोर दंड लगाया जाएगा।

    जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,

    "बकाया बकाया राशि 13,21,780 रुपये है। वर्तमान रिट याचिका को तदनुसार प्रतिवादियों को इस निर्देश के साथ निपटाया जाता है कि वे इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के 08 सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्विवाद स्वीकार्य राशि जारी करें। यदि राशि 08 सप्ताह की उक्त अवधि के भीतर जारी नहीं की जाती है तो याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका की स्थापना की तारीख से उसके वास्तविक संवितरण तक 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज पाने का हकदार होगा।"

    न्यायालय ने आगे कहा,

    "यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि इस न्यायालय द्वारा निर्देशित पारिश्रमिक का भुगतान उक्त अवधि के भीतर नहीं किया जाता है तो प्रतिवादियों को जुर्माने का का भुगतान करना होगा।"

    यह याचिका विक्रम बजाज द्वारा दायर की गई, जिन्होंने भारत संघ के सीनियर पैनल वकील के रूप में अपनी क्षमता में 25 लाख रुपये के शुल्क बिलों का भुगतान जारी करने के निर्देश मांगे थे। 70,11,493 रुपये सशस्त्र बल न्यायाधिकरण चंडी मंदिर के समक्ष पेश होने के लिए।

    न्यायालय द्वारा बकाया राशि की निर्विवाद राशि तय करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश (रिटायर्ड) की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। समिति ने विभिन्न कार्यवाही की और संबंधित पक्षों को खातों को समेटने के लिए विभिन्न अवसर प्रदान किए और इस पर विचार करने के बाद 09.07.2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

    उक्त रिपोर्ट के अनुसार निर्विवाद राशि 13,21,780 रुपये है, जिसमें 2,36,800 रुपये की राशि के संबंध में विवरणों का मिलान नहीं किया जा सका, इसलिए इस पर विवाद का तत्व है।

    कार्यवाही के दौरान न्यायालय ने यह भी नोट किया कि इस न्यायालय द्वारा निर्धारित समिति के सदस्यों के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया।

    न्यायालय ने निर्देश दिया,

    "प्रतिवादी-यूओआई के एडवोकेट 04 सप्ताह की अवधि के भीतर समिति के सदस्यों के बकाया भुगतान के बारे में न्यायालय के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करेंगे।"

    उपर्युक्त के आलोक में याचिका का निपटारा किया गया।

    केस टाइटल- विक्रम बजाज बनाम भारत संघ और अन्य

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