पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में मुख्य गवाह की क्रॉस एग्जामिनेशन सात हफ़्तों से ज़्यादा समय तक टालने पर निचली अदालत के जज से स्पष्टीकरण मांगा
Amir Ahmad
18 Aug 2025 5:46 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में मुख्य गवाह की क्रॉस एग्जामिनेशन सात हफ़्तों से ज़्यादा समय तक टालने पर निचली अदालत के न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगा। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की अनुचित देरी निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों को कमज़ोर करती है और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों के विपरीत है।
जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,
"मुकदमे की कार्यवाही जिस तरह से चल रही है, वह विनोद कुमार बनाम पंजाब राज्य (2015) और सेल्वामणि बनाम पुलिस निरीक्षक द्वारा राज्य प्रतिनिधि, 2024 में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों सहित निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों का उल्लंघन करती प्रतीत होती है।"
सेल्वमनी मामले में न्यायालय ने विनोद कुमार मामले को दोहराया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह ध्यान रखना आवश्यक है यद्यपि दुखद है कि गवाह की मुख्य परीक्षा 30-9-1999 को हुई थी। 25-5-2001 को लगभग 1 वर्ष और 8 महीने बाद क्रॉस एग्जामिनेशन की गई। जैसा कि हमने पहले कहा, उक्त क्रॉस एग्जामिनेशन में हुई देरी ने कई कारणों से झूठ बोलने के लिए पर्याप्त समय दे दिया। एक निष्पक्ष सुनवाई बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के साथ-साथ पीड़ित के लिए भी निष्पक्ष होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,
"निचली अदालत के जज के लिए यह बिल्कुल उचित होता कि जिस दिन उक्त गवाह की क्रॉस एग्जामिनेशन हुई, उसी दिन क्रॉस एग्जामिनेशन पूरी कर ली जाती।"
वर्तमान मामले में जस्टिस गोयल ने कहा कि अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह (FIR-शिकायतकर्ता/चश्मदीद गवाह) की क्रॉस एग्जामिनेशन आंशिक रूप से 8 जुलाई को की गई और 22 सितंबर तक यानी लगभग सात सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित कर दी गई।
यह घटनाक्रम हरियाणा के झज्जर में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 302, 323, 452, 506, 427 और 120-बी के तहत दर्ज FIR में नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया।
हाईकोर्ट ने शुरू में निचली अदालत को मुकदमे की स्थिति और प्रगति का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था।
निचली अदालत के जज द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया,
"उस मामले में नौ आरोपी हैं जिनका प्रतिनिधित्व अलग-अलग वकीलों ने किया। प्रत्येक वकील ने अभियोजन पक्ष के गवाह विनोद कुमार (शिकायतकर्ता) से अलग-अलग क्रॉस एग्जामिनेशन करने की इच्छा जताई। इसलिए इस कारण से भी शिकायतकर्ता की गवाही एक ही तारीख में पूरी नहीं हो सकी। यह आपकी जानकारी के लिए है।"
क्रॉस एग्जामिनेशन स्थगित करने को अशांत करने वाला बताते हुए अदालत ने संबंधित निचली अदालत के जज से प्रशासनिक पक्ष पर स्पष्टीकरण मांगा।
केस टाइटल: रोहित बनाम हरियाणा राज्य

