शादी से बाहर पति के रिश्ते को क्रूरता माना जाएगा, जो वैवाहिक संबंध तोड़ने के लिए पर्याप्त: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Amir Ahmad
29 April 2025 4:33 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पति का विवाहेतर संबंध है और वह उसका उचित स्पष्टीकरण नहीं देता तो इसे पत्नी के प्रति क्रूरता माना जाएगा और यह वैवाहिक जीवन में दरार डालने के लिए पर्याप्त है।
जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस सुखविंदर कौर की पीठ ने कहा,
“अपीलकर्ता-पति का यह कहना है कि उसके उस महिला के साथ कोई अवैध संबंध नहीं थे लेकिन हमारा मानना है कि विवाह के बाहर किसी महिला से संबंध बनाए रखना, वह भी बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के, निश्चित रूप से क्रूरता की श्रेणी में आता है और यह तथ्य वैवाहिक संबंधों में टूट का कारण बनने के लिए पर्याप्त है।”
यह टिप्पणी उस मामले में की गई जिसमें पति ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। फैमिली कोर्ट ने उसकी तलाक की याचिका खारिज कर दी थी।
इस दंपति की शादी 2011 में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हुई थी।
पति का आरोप था कि पत्नी उसके और उसके परिवार के साथ क्रूरता से व्यवहार करती थी और उसने उस पर विवाहेतर संबंधों के झूठे आरोप लगाए जिससे उनके रिश्ते में दरार आई।
वहीं पत्नी ने अदालत में बताया कि उसने एक बार अपने पति को एक महिला के साथ देखा था और जब उसने सवाल किया तो पति ने बताया कि वह उसकी कंपनी में काम करती है। वह उससे शादी करेगा।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सिंह ने कहा कि पति ने उस महिला से अपनी पहचान स्वीकार की और यह भी माना कि वह कई बार उसके साथ हवाई और रेल यात्रा कर चुका है, यहां तक कि गोवा भी गया था।
कोर्ट ने कहा,
“अपीलकर्ता-पति ने यह स्वीकार किया कि वह XXX को लंबे समय से जानता है और वह उसके साथ कई बार यात्रा कर चुका है। एक्स.डीए दस्तावेज़ में दी गई स्थिति भी यह दर्शाती है कि पति ही वैवाहिक संबंधों में विघटन का कारण बना।”
अदालत ने यह माना कि दोनों 2018 से अलग रह रहे हैं लेकिन यह कहा कि केवल लंबे समय से अलग रहने के आधार पर तलाक नहीं दिया जा सकता।
अंततः अदालत ने पति की तलाक की याचिका खारिज करते हुए कहा,
“हम इस बात से अवगत हैं कि दोनों पक्ष 2018 से अलग रह रहे हैं लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें अपीलकर्ता-पति को लंबी जुदाई के आधार पर कोई राहत दी जा सके। खासकर जब उसके आचरण और व्यवहार को देखा जाए।”

