रिक्शा में हुई अंतरधार्मिक शादी? हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच करने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
16 July 2024 3:52 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब SSP से यह जांच करने को कहा कि क्या फर्जी शादी की आड़ में धर्मांतरण का कोई रैकेट चल रहा है।
कोर्ट ने हैरानी और निराशा जताते हुए सुरक्षा याचिका में पाया कि तस्वीरों के अनुसार शादी ऑटो-रिक्शा में हुई, जबकि घोषणा में कहा गया कि मस्जिद में निकाह किया गया।
झूठी घोषणा पर ध्यान देते हुए जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,
"यह कृत्य न केवल याचिकाकर्ताओं द्वारा गंदे हाथों से आकर न्यायालय को गुमराह करने के समान है बल्कि न्यायालय के साथ झूठी गवाही देने का गंभीर अपराध भी है।"
हालांकि, न्यायालय ने झूठी गवाही के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किया लेकिन उसने कहा कि याचिकाकर्ता नंबर 2 (सुरक्षा की मांग करने वाले व्यक्ति) की ओर से ऐसा कृत्य न्यायालय की आपराधिक अवमानना के समान है और इसकी जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।
ये टिप्पणियां भागे हुए जोड़े की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए की गईं, जिन्होंने लड़की के परिवार के सदस्यों से सुरक्षा मांगी थी।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने प्रस्तुत किया कि जुलाई में पंजाब के नयागांव में लड़की के रिश्तेदार की इच्छा के विरुद्ध मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह संपन्न हुआ। इसलिए उन्हें अपनी जान का खतरा है।
राज्य के वकील ने कहा कि संबंधित पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ताओं से संपर्क करने और लड़की के रिश्तेदारों द्वारा उनके खिलाफ व्याप्त खतरे की आशंका के बारे में पूछताछ करने के प्रयास पहले ही किए जा चुके हैं लेकिन वे पार्टियों के ज्ञापन में दिए गए पते पर नहीं मिल सके।
काजी द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र को देखते हुए न्यायालय ने पाया कि विवाह के तथ्य को दूल्हे द्वारा सत्यापित किया गया।
हालांकि, विवाह समारोह की तस्वीरों की जांच करते समय न्यायालय ने कहा,
"तस्वीरों को देखने से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि विवाह किसी मस्जिद में नहीं हो रहा था और प्रमाण पत्र में बताए गए गवाहों में से कोई भी यानी किसी वकील या गवाह या अहले जमात की उपस्थिति बिल्कुल भी नहीं थी।"
न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि समारोह ऑटो-रिक्शा में आयोजित किए गए।
जस्टिस मौदगिल ने इस बात पर प्रकाश डाला,
"पूरी कार्यवाही गुप्त उद्देश्यों से प्रभावित प्रतीत होती है तथा विवाह की आड़ में न्यायालय को मूर्ख बनाया जा रहा है तथा निजी प्रतिवादी नंबर 4 से 7 (लड़की के रिश्तेदार) से धमकियाँ मिल रही हैं।"
परिणामस्वरूप, न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक, फतेहगढ़ साहिब को निर्देश दिया,
"उक्त टिप्पणियों के आलोक में मामले की जाँच करें तथा इस बात की भी विस्तृत जाँच करें कि क्या इस तरह के फर्जी विवाह की आड़ में धर्म परिवर्तन के नाम पर कोई रैकेट चल रहा है।"
मामले को 23 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने सीनियर पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को लड़की के रिश्तेदार के साथ सुनवाई की अगली तारीख पर न्यायालय में पेश किया जाए।
केस टाइटल- XXXX बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य।