टिकट नंबर गलत होना अप्रासंगिक: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रेल हादसे में मृत यात्री के परिजनों को 8 लाख मुआवज़ा देने का आदेश दिया
Amir Ahmad
25 Jun 2025 12:28 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक रेल हादसे में मृत यात्री गौरव कुमार के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा व 7.5% वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि कुल राशि 8 लाख से कम होती है तो 8 लाख मुआवजे के रूप में दिया जाए, जो भी अधिक हो।
जस्टिस पंकज जैन ने अपने फैसले में कहा,
"जब यह प्रमाणित हो गया कि मृतक गौरव कुमार उस दिन वैध मासिक सीजनल टिकट (MST) धारक था, भले ही याचिका में उसका अंतिम अंक गलत लिखा गया हो तो ट्रिब्यूनल द्वारा उसे 'बोना फाइड' यात्री न मानना गलत था। इसीलिए ट्रिब्यूनल का निष्कर्ष उलट दिया जाता है।"
यह याचिका रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल, चंडीगढ़ बेंच के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर की गई, जिसमें गौरव कुमार की रेल हादसे में मृत्यु के लिए मुआवजा देने की मांग खारिज कर दी गई थी।
मुख्य विवाद इस बात को लेकर था कि मृतक गौरव कुमार 'बोना फाइड' यानी वास्तविक यात्री था या नहीं। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि मृतक के पास मासिक सीजन टिकट (MST) था, जो कि वैध टिकट होता है। हालांकि, दुर्घटना में वह टिकट खो गया।
ट्रिब्यूनल ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि MST नंबर X-60782408 वास्तव में हर्ष शर्मा के नाम पर जारी हुआ था, ना कि गौरव कुमार के।
लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि MST नंबर X-60782405 जो एकदम पूर्व की प्रविष्टि थी, गौरव कुमार के नाम पर था। सिर्फ अंतिम अंक की त्रुटि के कारण दावा खारिज नहीं किया जाना चाहिए।
अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए माना कि गौरव कुमार के पास हादसे की तारीख पर वैध MST था और उसके आत्महत्या करने के कोई प्रमाण नहीं थे।
इसलिए अदालत ने ट्रिब्यूनल के फैसले को पलटते हुए रेलवे को आदेश दिया कि वह 12 हफ्तों के भीतर पीड़ित के परिजनों के खातों में पूरा मुआवजा जमा करे। यदि निर्धारित समयसीमा में मुआवजा जमा नहीं किया गया तो रेलवे को 9% सालाना ब्याज देना होगा।
केस टाइटल: गौरव कुमार बनाम भारतीय रेलवे

