124 मामलों में जांच की स्थिति वर्षों से अज्ञात: हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस की निष्क्रियता पर चिंता जताई, 2015 से सिरसा जिले के एसपी की सूची मांगी
Amir Ahmad
6 July 2024 12:24 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई वर्षों से लंबित आपराधिक मामलों में जांच की निगरानी में सिरसा जिले में तैनात हरियाणा के पुलिस अधीक्षकों की निष्क्रियता पर चिंता जताई।
जस्टिस एनएस शेखावत ने रिकॉर्ड का अवलोकन करते हुए कहा,
“इस न्यायालय के पास यह मानने के कारण हैं कि जिला सिरसा में विभिन्न मामलों में की गई विभिन्न जांचों की निगरानी वर्ष 2015 से जिला सिरसा में तैनात पुलिस अधीक्षकों द्वारा ठीक से नहीं की गई।"
इसमें उन दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी गई, जिन्होंने या तो कई वर्षों तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया या जो आधिकारिक रिकॉर्ड एकत्र करने में विफल रहे।
यह घटनाक्रम हरियाणा के सिरसा में 8 वर्षों से लंबित धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें अब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहती थी।
इससे पहले, न्यायालय ने सिरसा जिले के प्रत्येक पुलिस थाने में उन सभी मामलों की सूची दाखिल करने का निर्देश दिया, जहां पिछले 03 वर्षों से अधिक समय से जांच लंबित है। ऐसे प्रत्येक मामले में जांच करने में देरी के कारणों को स्पष्ट करने का भी निर्देश दिया गया।
हलफनामे को पढ़ते हुए न्यायालय ने पुलिस के उदासीन दृष्टिकोण को उजागर करते हुए कहा,
"पिछले 05/06 वर्षों से FSL रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो बेहद अविश्वसनीय है।"
वर्तमान कार्यवाही में 03 वर्षों से अधिक समय से लंबित मामलों के रिकॉर्ड का उल्लेख करते हुए न्यायाधीश ने कहा,
"उन मामलों में कुछ आरोपी व्यक्तियों को पुलिस द्वारा उन मामलों के जांच अधिकारियों को ज्ञात कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया।"
उन्होंने आगे कहा,
“बस इतना ही कहा गया कि आरोपियों की गिरफ्तारी लंबित है। जाहिर है, न तो उन्हें उन मामलों में घोषित अपराधी/घोषित व्यक्ति घोषित किया गया और न ही पुलिस ने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनकी संपत्ति जब्त की। यहां तक कि ऐसे आरोपियों के खिलाफ जांच की स्थिति भी अज्ञात है।”
विभिन्न आपराधिक मामलों में न्यायालय ने पाया,
"जांच अधिकारियों द्वारा पिछले कई वर्षों से सरकारी कार्यालयों से आधिकारिक रिकॉर्ड एकत्र नहीं किया जा सका।"
वर्तमान मामले में न्यायालय ने नोट किया कि पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय को सूचित किया कि 14 SIT गठित की गई और मामले की जांच 29 जांच अधिकारियों द्वारा की गई।
जस्टिस शेखावत ने कहा,
"इसके बावजूद, फर्जी फर्मों के संबंध में आईसीआईसीआई/पीएनबी बैंक का रिकॉर्ड 29.07.2023 तक एकत्र नहीं किया जा सका। यहां तक कि सिरसा के पुलिस अधीक्षक द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण भी इस न्यायालय द्वारा संतोषजनक नहीं पाया गया।"
परिणामस्वरूप मामले को 15 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने एसएसपी, सिरसा को अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
केस टाइटल- विजय कुमार सिंह बनाम हरियाणा राज्य