पंजाब पावर कॉरपोरेशन वैधानिक संस्था, 5वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की तिथि तय करने का अधिकार: हाईकोर्ट
Amir Ahmad
23 Aug 2025 11:54 AM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) वैधानिक संस्था है। इसलिए इसकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए इसे 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की कट-ऑफ तिथि तय करने का अधिकार है। अदालत ने कर्मचारियों द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें 01 दिसंबर 2011 को निर्धारित कट-ऑफ तिथि को मनमाना और भेदभावपूर्ण बताया गया था।
जस्टिस हरप्रीत सिंह ब्रार की एकल पीठ ने कहा,
“PSPCL वैधानिक निगम होने के नाते अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की तिथि तय करने के लिए अधिकृत है। बढ़े हुए पेंशन लाभ देने में निगम की असमर्थता ठोस साक्ष्यों से साबित हुई है और यह निर्णय मनमाना नहीं है।”
मामले की पृष्ठभूमि
कर्मचारी-पक्ष का कहना था कि 06 जनवरी, 2015 के आदेश द्वारा राज्य ने 01 दिसंबर, 2011 को कट-ऑफ तिथि निर्धारित की, जो उन कर्मचारियों के साथ भेदभाव करती है, जो इस तिथि से पहले रिटायर हुए। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह निर्णय बिना किसी तार्किक आधार के लिया गया और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का उल्लंघन करता है।वहीं निगम ने अदालत को बताया कि उसकी वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़े हुए पेंशन लाभ दे सके। इस संबंध में ठोस दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किए गए।
अदालत की दलीलें और निर्णय
अदालत ने रिकॉर्ड में उपलब्ध तथ्यों का संज्ञान लेते हुए कहा कि पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (PSEB) की स्थापना 01 फरवरी 1959 को विद्युत आपूर्ति अधिनियम, 1948 के तहत हुई। बाद में 16 अप्रैल, 2010 के नोटिफिकेशन के जरिए इसे दो कंपनियों में विभाजित किया गया- पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड। इस प्रकार PSPCL वैधानिक संस्था है।
पीठ ने Chairman & MD, Kerala SRTC बनाम K.O. Varghese (2007) 8 SCC 231 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्य की स्वायत्त संस्थाएं अपनी नीतियों के कार्यान्वयन के लिए तिथि तय करने में सक्षम हैं, खासकर जब उनका वित्तीय स्वास्थ्य दांव पर हो।
न्यायालय ने माना कि PSPCL ने पर्याप्त सामग्री पेश कर यह साबित कर दिया कि उसकी आर्थिक स्थिति उन सभी कर्मचारियों को बढ़े हुए पेंशन लाभ देने की अनुमति नहीं देती, जो 01.12.2011 से पहले रिटायर हुए थे।
पीठ ने कहा,
“कोई ऐसा ठोस तर्क पेश नहीं किया गया, जिससे यह साबित हो कि निर्धारित कट-ऑफ तिथि पूरी तरह मनमानी या असंगत है। अतः 01.12.2011 से 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का निर्णय वैधानिक रूप से उचित है। इस पर हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।”
इसी आधार पर अदालत ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि PSPCL का निर्णय न तो भेदभावपूर्ण है और न ही मनमाना।
केस टाइटल: तेजिंदर सिंह भाथल एवं अन्य बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य

