सक्रिय बमों पर टिप्पणी मामले में पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा को राहत, 22 अप्रैल तक दंडात्मक कार्रवाई पर लगी रोक

Amir Ahmad

16 April 2025 10:10 AM

  • सक्रिय बमों पर टिप्पणी मामले में पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा को राहत, 22 अप्रैल तक दंडात्मक कार्रवाई पर लगी रोक

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार (16 अप्रैल) को विपक्ष के नेता (LOP) एवं कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा की उस याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा, जिसमें देश की संप्रभुता एवं एकता को खतरे में डालने वाली भ्रामक सूचना सहित अन्य आरोपों के लिए उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई।

    बाजवा ने कथित तौर पर एक टीवी शो में कहा कि पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं।

    जस्टिस दीपक गुप्ता की अवकाश पीठ ने 22 अप्रैल के लिए नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    बाजवा ने कथित तौर पर शो में दिए गए बयान के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) द्वारा धारा 353 (2) और 197 (1) (डी) (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप अभिकथन) के तहत दर्ज FIR रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।

    धारा 353(2) में कहा गय कि जो कोई भी व्यक्ति धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी अन्य आधार पर विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना की भावना पैदा करने या बढ़ावा देने के इरादे से झूठी सूचना, अफवाह या खतरनाक समाचार वाली कोई भी बयान या रिपोर्ट बनाता, प्रकाशित या प्रसारित करता है, उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

    याचिका में कहा गया कि 13 अप्रैल को प्रसारित टीवी शो में बाजवा से पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति में हाल ही में हुई गिरावट के बारे में पूछा गया था, जिसके परिणामस्वरूप पिछले छह महीनों में विभिन्न स्थानों पर बम विस्फोट हुए, जिसमें जालंधर टाउन में एक पूर्व कैबिनेट मंत्री (भाजपा) के घर पर हुआ बम विस्फोट भी शामिल है।

    सवाल के जवाब में बाजवा ने घटनाओं का ब्यौरा देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार खुफिया जानकारी के मामले में सोती हुई प्रतीत होती है, क्योंकि वे शेष बचे ग्रेनेड का पता नहीं लगा पाए हैं, जिनके बारे में बताया जाता है कि उन्हें भारत में तस्करी करके लाया गया है।

    इसमें आगे कहा गया कि टॉक-शो की पूरी रिकॉर्डिंग केवल इस बात पर प्रकाश डालती है और सरकार को इन असामाजिक गतिविधियों के कारण किसी भी व्यक्ति को होने वाले किसी भी नुकसान के प्रति सतर्क रहने के लिए रेड अलर्ट पर रखती है। मुख्यमंत्री को जाग जाना चाहिए और उन खुफिया एजेंसियों को पूरी तरह से सूचित करना चाहिए, जो शेष बचे बमों का पता लगाने में विफल रही हैं, जिससे पंजाब के नागरिकों में भय पैदा करने वाली ऐसी किसी भी घटना को रोका जा सके।

    इस याचिका में BNS की धारा 353 (2), 197 (1) (डी) के तहत दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई। साथ ही FIR से उत्पन्न सभी बाद की कार्यवाही को भी रद्द करने की मांग की गई। इसमें BNSS की धारा 35 (3) के तहत नोटिस के अनुसरण में उनकी उपस्थिति पर अपनी शक्ति का प्रयोग करते समय किसी भी प्रकार के बल प्रयोग का उपयोग न करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

    केस टाइटल: प्रताप सिंह बाजवा बनाम पंजाब राज्य

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