गंभीर मेडिकल लापरवाही, धोखाधड़ी के बराबर: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का सस्ता पेसमेकर लगाने के कारण मैक्स अस्पताल के खिलाफ समन रद्द करने से इनकार

Amir Ahmad

14 March 2024 10:35 AM GMT

  • गंभीर मेडिकल लापरवाही, धोखाधड़ी के बराबर: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का सस्ता पेसमेकर लगाने के कारण मैक्स अस्पताल के खिलाफ समन रद्द करने से इनकार

    यह देखते हुए कि मेडिकल लापरवाही के अलावा, यह धोखाधड़ी का मामला है, पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने मैक्स सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल और उसके हृदय रोग विशेषज्ञ के खिलाफ समन आदेश रद्द करने से इनकार किया, जिन पर कथित तौर पर सस्ता पेसमेकर लगाने का मामला दर्ज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मरीज़ की मृत्यु हो गई।

    जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा,

    "घोर मेडिकल लापरवाही के मामले के अलावा यह याचिकाकर्ताओं (मैक्स अस्पताल और डॉक्टर) द्वारा साजिश के तहत की गई धोखाधड़ी का मामला है।"

    कोर्ट ने कहा कि अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर सक्सेना ने रिश्तेदारों द्वारा दी गई सहमति के अनुसार लगभग 4.5 लाख रुपये की लागत वाला बाइवेंट्रिकुलर ट्रिपल चैम्बर पेसमेकर लगाने की योजना बनाने के बावजूद इसके बजाय सस्ता डबल चैम्बर पेसमेकर लगाया, जिसकी लागत केवल 45,000 रुपये है।

    बताया गया कि जब पेसमेकर ठीक से फिट नहीं होने के कारण मरीज को दिक्कत होने लगी तो मेडिकल स्टाफ ने ट्रिपल चैम्बर पेसमेकर प्रत्यारोपित किया।

    मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल मोहाली और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. सुधीर सक्सेना ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304ए, 420 एवं 120बी के तहत लापरवाही से मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट, मोहाली द्वारा पारित समन आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाइकोर्ट का रुख किया।

    मृत हृदय रोगी की पत्नी द्वारा शिकायत की गई कि अस्पताल ने अन्य सह-अभियुक्त डॉक्टरों के साथ मिलकर अतिरिक्त रुपये कमाने के लिए 45,000 रुपये का सस्ता पेसमेकर लगाया और झूठा दिखाया कि बेहतर पेसमेकर का उपयोग किया गया, जिसके लिए मरीज ने 4.5 लाख रुपये का भुगतान किया।

    तर्क दिया गया कि जब मरीज की हालत खराब हो गई तो आरोपी डॉ. सुधीर सक्सेना ने अपने धोखेबाज कृत्य को छिपाने के लिए मरीज के परिजनों से बहाना बनाया कि दर्द के कारण वास्तविक पेसमेकर की व्यवस्था करने के लिए सर्जरी अगले दिन पूरी की जाएगी।

    आरोप है कि अस्पताल के लापरवाही भरे रवैये और दो सर्जरी की वजह से मरीज की जान चली गई।

    दलीलें सुनने और मेडिकल रिकॉर्ड की जांच करने के बाद कोर्ट ने कहा कि गंभीर मेडिकल लापरवाही के मामले के अलावा, यह याचिकाकर्ताओं द्वारा साजिश के तहत की गई धोखाधड़ी का मामला है।

    अदालत ने अस्पताल के इस रुख को खारिज कर दिया कि बेहतर पेसमेकर लगाने के लिए सर्जरी दो चरणों में की गई।

    अदालत ने कहा,

    "उक्त शरारत को छुपाने के लिए यह रुख अपनाया गया कि केवल ट्रिपल चैम्बर पेसमेकर लगाया गया, लेकिन दो चरणों में और पहले चरण में, केवल दो लीड लगाए गए और दूसरे चरण में तीसरा लीड और पेसमेकर लगाया गया। अस्पताल के विभिन्न दस्तावेजों के मद्देनजर उक्त रुख प्रथम दृष्टया गलत पाया गया।"

    नतीजतन न्यायालय ने पाया कि यह मानने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि याचिकाकर्ता को अभियोजन का सामना करना चाहिए और आक्षेपित समन आदेश में कोई दोष नहीं पाया गया।

    अदालत ने इस संबंध में कहा,

    "अस्पताल का रिकॉर्ड जैसा कि प्रतिवादी-शिकायतकर्ता द्वारा रिकॉर्ड पर रखा गया, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं के खिलाफ शिकायत को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदर्शित करता है, यहां तक ​​कि मेडिकल एक्सपर्ट की किसी भी राय के अभाव में भी, जैसा कि इस न्यायालय द्वारा पहले ही देखा जा चुका है, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि गंभीर मेडिकल लापरवाही के मामले से अधिक यह याचिकाकर्ताओं द्वारा एक-दूसरे के साथ साजिश करके की गई धोखाधड़ी का मामला है।

    केस टाइटल- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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