स्टाम्प फीस सेल डीड के निष्पादन के समय बाजार मूल्य के आधार पर निर्धारित किया जाता है, न कि सेल एग्रीमेंट के निष्पादन के समय: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

Amir Ahmad

22 July 2025 1:17 PM IST

  • स्टाम्प फीस सेल डीड के निष्पादन के समय बाजार मूल्य के आधार पर निर्धारित किया जाता है, न कि सेल एग्रीमेंट के निष्पादन के समय: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सेल डीड पर देय स्टाम्प फीस के निर्धारण के लिए सेल डीड के निष्पादन के समय संपत्ति का बाजार मूल्य प्रासंगिक है, न कि सेल एग्रीमेंट।

    जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस जस्टिस रोहित कपूर की खंडपीठ ने कहा,

    "ट्रांसफर डीड/सेल डीड पर स्टाम्प फीस की राशि निर्धारित करने के लिए सेल डीड के निष्पादन के समय प्रचलित बाजार मूल्य प्रासंगिक होगा, न कि उस समय जब पक्षकारों ने बिक्री के लिए समझौता किया था।"

    न्यायालय ने कहा कि सेल डीड/ट्रांसफर डीड पर स्टाम्प फीस का भुगतान स्टाम्प एक्ट, 1899 (अधिनियम 1899) द्वारा नियंत्रित होता है, जिसे न केवल भारत संघ द्वारा बल्कि राज्यों द्वारा भी संशोधित किया गया।

    अधिनियम 1899 की धारा 3 का अवलोकन करते हुए न्यायालय ने पाया कि यह प्रावधान दस्तावेज़ (ट्रांसफर डीड) पर शुल्क लगाने का प्रावधान करता है, लेन-देन पर नहीं।

    न्यायालय ने आगे कहा,

    हालांकि, दस्तावेज़ की प्रकृति निर्धारित करने के लिए न्यायालय को दस्तावेज़ द्वारा कवर किए गए लेन-देन की प्रकृति पर विचार करना होगा।

    राजस्थान राज्य बनाम खंडका जैन ज्वैलर्स, [(2007) 14 SCC 339] का हवाला दिया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि सेल पर स्टाम्प फीस का आकलन उस समय संपत्ति के बाजार मूल्य पर किया जाना चाहिए, जब सेल का दस्तावेज़ निष्पादित किया गया। सेल एग्रीमेंट के समय या वाद दायर करते समय का मूल्यांकन प्रासंगिक।

    खंडपीठ ने यह भी उल्लेख किया कि 'शांति भूषण (मृत) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य' 2023 आईएनएससी 425 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खंडका जैन ज्वैलर्स मामले (सुप्रा) में पारित निर्णय पर पुनः भरोसा करते हुए यह माना कि सेल एग्रीमेंट में निर्दिष्ट बाजार मूल्य या अनुबंध की तिथि पर प्रचलित बाजार मूल्य, स्टाम्प फीस निर्धारित करने के लिए प्रासंगिक नहीं होगा, क्योंकि स्टाम्प फीस के आकलन के प्रयोजन हेतु प्रासंगिक बाजार मूल्य वह है, जो अधिनियम 1899 की धारा 3 सहपठित धारा 17 के अनुसार हस्तांतरण के निष्पादन की तिथि पर प्रचलित है।

    हाईकोर्ट की समन्वय पीठों के विचारों में भिन्नता को देखते हुए यह मामला खंडपीठ के समक्ष रखा गया।

    निर्णय की आवश्यकता वाला संक्षिप्त प्रश्न यह है कि क्या स्टाम्प फीस का मूल्यांकन सेल डीड के रजिस्ट्रेशन के समय या जब पक्षकारों ने सेल एग्रीमेंट किया था, उस समय प्रचलित बाजार दर पर किया जाना चाहिए?

    उपरोक्त प्रश्न का तदनुसार उत्तर दिया गया।

    केस टाइटल: उगगर सिंह बनाम पंजाब राज्य और अन्य

    Next Story