पंजाब और हरियाणा सरकार FSL में फोरेंसिक साक्ष्यों के समय पर टेस्ट पर SOP जारी करें: हाईकोर्ट

Amir Ahmad

6 Nov 2024 11:41 AM IST

  • पंजाब और हरियाणा सरकार FSL में फोरेंसिक साक्ष्यों के समय पर टेस्ट पर SOP जारी करें: हाईकोर्ट

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश जारी किए कि वे अपराध संबंधी साक्ष्यों की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) रिपोर्ट शीघ्रता से तैयार करें।

    जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,

    "पंजाब और हरियाणा राज्यों के सभी पुलिस महानिदेशकों को निर्देश दिया जाता है कि वे (ए) संबंधित FSL/RFSL को अपराध संबंधी वस्तुओं/सामग्री को शीघ्र भेजने, (बी) उनके शीघ्र परीक्षण से संबंधित, और, (सी) उसके बाद उन्हें संबंधित न्यायालयों को वापस करने से संबंधित स्थायी संचालन प्रक्रिया जारी करें।"

    न्यायालय ने कहा,

    "पंजाब और हरियाणा राज्य के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया जाता है कि वे संबंधित FSL/RFSL द्वारा समय पर जांच किए जाने के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करें। साथ ही आपत्तिजनक सामग्री की भी जांच करें।”

    पीठ ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के मुख्य सचिवों को यह भी निर्देश दिया कि वे FSL के क्षेत्रीय केंद्रों में पदों को हलफनामे में बताए अनुसार तुरंत दाखिल करें।

    न्यायालय के पिछले निर्देश के अनुपालन में हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव और पंजाब के प्रशासनिक सचिव ने FSL में पर्याप्त जनशक्ति होने के बारे में अनुपालन हलफनामा दाखिल किया।

    न्यायालय ने कहा कि पंजाब सरकार ने कहा है कि NDPS Act के मामलों की प्रभावी और त्वरित जांच के लिए मौजूदा फोरेंसिक डिवीजनों को मजबूत करने के लिए FSL मोहाली और बठिंडा, अमृतसर और लुधियाना में तीन क्षेत्रीय टेस्ट फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) में उपकरणों की खरीद के माध्यम से प्रस्ताव दिया गया।

    आगे कहा कि हरियाणा ने हलफनामे में कहा कि FSL के क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना प्रक्रिया में है।

    निर्देश जारी करते हुए न्यायालय ने यह भी कहा कि एसओपी में यह भी शामिल होना चाहिए कि आपत्तिजनक सामग्री की जांच के बाद सीलबंद कपड़े के पार्सल से छेड़छाड़ न की जाए।

    उन्होंने कहा,

    "स्थायी संचालन प्रक्रियाओं के प्रवर्तन की निगरानी के लिए विशेष संचालन समिति तुरंत स्थापित की जाए।"

    पीठ ने आगे कहा कि राज्यों को हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, दारोह में पुलिस अधिकारियों के बैच-वार प्रशिक्षण पर विचार करना चाहिए।

    निर्देशों के अनुपालन के लिए मामले को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया।

    केस टाइटल: कुलदीप सिंह बनाम हरियाणा राज्य

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