सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग: आरोपी की हिरासत में मौत की जांच CBI से कराने की मांग

Shahadat

7 May 2024 5:48 AM GMT

  • सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग: आरोपी की हिरासत में मौत की जांच CBI से कराने की मांग

    सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी मामले में आरोपी की मां, जिस पर कथित तौर पर मुंबई पुलिस के लॉक-अप में आत्महत्या करने का आरोप है, उसने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। अपनी याचिका में उसने कथित हिरासत में मौत की CBI जांच और दोबारा पोस्टमार्टम जांच की मांग की।

    मुंबई पुलिस ने दावा किया कि मृतक अनुज कुमार 14 अप्रैल को अभिनेता सलमान खान के मुंबई आवास के बाहर गोलीबारी के मामले में अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से एक था। गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद कुमार ने पुलिस लॉक-अप में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

    पंजाब के एक गांव की रहने वाली रीता देवी अर्जेंट लिस्टिंग की वजह बताती हैं कि शव घर पर पड़ा है और वह दोबारा पोस्टमार्टम कराना चाहती हैं।

    तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध की अनुमति के बाद मामला मंगलवार को जस्टिस विनोद एस भारद्वाज के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।

    कुमार पर कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया और 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया। याचिका में कहा गया कि मुंबई कोर्ट ने उन्हें 08 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

    याचिका में कहा गया,

    "चूंकि याचिकाकर्ता के बेटे की पुलिस हिरासत में मौत हो गई और ऐसे कई नेता और प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिन्होंने मौत से पहले बयान दिया। इसलिए पुलिस की संलिप्तता की संभावना हो सकती है।"

    यह प्रस्तुत किया गया कि पहले का पोस्टमॉर्टम मुंबई में उसी पुलिस बल के नियंत्रण में किया गया, जिसकी हिरासत में कुमार की मृत्यु हुई थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या घोषित कर दिया था। इसलिए उचित एवं न्यायोचित जांच के लिए पोस्टमार्टम दोबारा कराया जाना न्यायहित में जरूरी है।

    इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि पोस्टमॉर्टम दोबारा कराने के लिए एसडीएम अबोहर को आवेदन दिया गया, लेकिन अधिकारियों ने हाई कोर्ट के आदेश के बिना इसे खारिज कर दिया।

    उपरोक्त के आलोक में याचिकाकर्ता ने कुमार के निधन की वजह बनी परिस्थितियों की निगरानी और स्वतंत्र जांच के लिए रिटायर्ड जज को नियुक्त करने के निर्देश भी मांगे हैं।

    केस टाइटल: रीता देवी बनाम यूओआई एवं अन्य।

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