Loksabha Election: पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहे Congress प्रत्याशी ने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

Amir Ahmad

29 April 2024 6:41 AM GMT

  • Loksabha Election: पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहे Congress प्रत्याशी ने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

    युवा कांग्रेस नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा ने आपराधिक मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश न होने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने की मांग करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का रुख किया।

    दिव्यांशु बुद्धिराजा हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री एमएल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

    याचिका में कहा गया कि बुद्धिराजा पर 2018 में राजनीतिक प्रतिशोध के कारण सार्वजनिक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्हें 2021 में इस मामले में जमानत दे दी गई।

    दिसंबर, 2023 में बुद्धिराजा को पंचकूला में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा घोषित अपराधी घोषित किया गया और जनवरी में उनके खिलाफ धारा 174 ए आईपीसी के तहत नई एफआईआर दर्ज की गई।

    युवा कांग्रेस नेता ने कहा कि व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के उनके आवेदन को 2022 में बहुत ही मनमाने तरीके से खारिज कर दिया गया। उनके खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।

    उन्होंने गिरफ्तारी वारंट रद्द करने के लिए आवेदन भी दिया, लेकिन इसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि वह अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।

    इसमें आगे कहा गया,

    "दिनांक 15.12.2023 को न्यायालय ने यह निष्कर्ष दिया कि वर्तमान याचिकाकर्ता के विरुद्ध जारी उद्घोषणा विधिवत निष्पादित होकर वापस प्राप्त हुई। याचिकाकर्ता को घोषित व्यक्ति घोषित किया गया तथा इसकी सूचना संबंधित न्यायालय को भेजी गई। आदेश की प्रति पुलिस स्टेशन सेक्टर 14, पंचकूला को भेजी गई तथा वर्तमान एफआईआर दिनांक 15.12.2023 के आदेश के आधार पर दर्ज की गई।”

    यह आरोप लगाया गया कि आईपीसी की धारा 174ए के तहत एफआईआर दर्ज करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

    15.12.2023 के आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया,

    “याचिकाकर्ता को घोषित व्यक्ति घोषित करने के पश्चात यदि मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध आईपीसी की धारा 174ए के तहत अपराध के लिए कार्यवाही करने की इच्छा व्यक्त की तथा निर्णय लिया तो उसके लिए निर्धारित प्रक्रिया सक्षम क्षेत्राधिकार न्यायालय में लिखित रूप से शिकायत दर्ज करना था। इसके बजाय ट्रायल कोर्ट ने एक छोटा लेकिन गलत रास्ता अपनाया और याचिकाकर्ता के खिलाफ धारा 174 ए के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए अपने आदेशों की एक कॉपी स्थानीय पुलिस को भेज दी।

    उपरोक्त के आलोक में बुद्धिराजन ने धारा 174-ए आईपीसी के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने और इससे उत्पन्न होने वाली कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की।

    केस टाइटल- दिव्यांशु बुद्धिराजा बनाम हरियाणा राज्य

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