सांसदों को लोकसभा सत्र में भाग लेने से छूट देने के लिए समिति गठित की गई: केंद्र ने अमृतपाल की याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में बताया

Amir Ahmad

25 Feb 2025 3:16 PM IST

  • सांसदों को लोकसभा सत्र में भाग लेने से छूट देने के लिए समिति गठित की गई: केंद्र ने अमृतपाल की याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में बताया

    केंद्र सरकार ने मंगलवार (25 फरवरी) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सूचित किया कि सांसदों को सदन के सत्र में भाग लेने से छूट देने के लिए समिति गठित की गई, जिसमें 14 सदस्य हैं।

    यह दलील राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिए गए सांसद अमृतपाल सिंह की याचिका में दी गई, जिसमें उन्होंने लोकसभा सत्र में भाग लेने की मांग की है। अमृतपाल ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह केंद्र, पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को निर्देश दे कि वे उन्हें लोकसभा महासचिव द्वारा जारी समन का पालन करते हुए संसदीय कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दें।

    केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी सत्यपाल जैन ने चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ को बताया कि सदन की बैठक में अनुपस्थित रहने के संबंध में 14 सदस्यों वाली समिति का गठन 24 फरवरी को किया गया और अमृतपाल (याचिकाकर्ता) सहित सत्र से अवकाश मांगने वाले सभी आवेदकों पर विचार किया जाएगा।

    यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता के वकील उपस्थित नहीं थे, अदालत ने सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

    पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि वह बताए कि सांसदों को सदन के सत्र में उपस्थित होने से अवकाश देने के लिए समिति गठित की गई या नहीं।

    अनुच्छेद 101 (4) के अनुसार, “यदि संसद के किसी भी सदन का कोई सदस्य साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना उसकी सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सीट को रिक्त घोषित कर सकता है।”

    पिछली सुनवाई में अमृतपाल की ओर से पेश सीनियर वकील ने तर्क दिया कि वह 54 दिनों से अनुपस्थित है। केवल 6 दिन शेष हैं। उसके बाद उसकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाएगी। वहीं पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि सांसद को कार्यवाही में शामिल होने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

    अमृतपाल ने याचिका में कहा कि उन्होंने 30 नवंबर, 2024 को लोकसभा अध्यक्ष से औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि उन्हें संसदीय सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए और उन्हें पहले ही 46 दिनों तक संसदीय बैठकों से अनुपस्थित रहने के बारे में सूचित किया जा चुका है।

    उन्होंने सत्र में शामिल होने की अनुमति के लिए उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट को भी अभ्यावेदन दिया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

    याचिका में आगे कहा गया कि निवारक हिरासत में लिए गए सांसद को भी संविधान के अनुसार संसद सत्र में शामिल होने का अधिकार है, यह अधिकार अनुच्छेद 105 से आता है।

    याचिका में कहा गया कि निवारक हिरासत में लिए गए सांसद को संसद सत्र में शामिल होने का अधिकार है।

    कहा गया,

    "यदि संसद सत्र चल रहा है तो हिरासत में लेने वाले अधिकारी को सांसद के संसद में शामिल होने की व्यवस्था करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति हिरासत में लिए गए सांसद की सदन में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए पेशी आदेश जारी कर सकते हैं।"

    केस टाइटल: अमृतपाल सिंह बनाम भारत संघ

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