'धनी किसानों' को सब्सिडी के खिलाफ याचिका, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूछा- क्या वह सरकार के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप कर सकता है?

Amir Ahmad

20 Jan 2025 10:17 AM

  • धनी किसानों को सब्सिडी के खिलाफ याचिका, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूछा- क्या वह सरकार के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप कर सकता है?

    धनी किसानों के संबंध में ट्यूबवेल चलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली पर 100% सब्सिडी दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या वह राज्य के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप कर सकता है।

    पंजाब सरकार किसानों को सिंचाई के लिए ट्यूबवेल चलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली पर 100% सब्सिडी देती है।

    जबकि हरियाणा सरकार के पास बिजली अधिनियम की धारा 65 के तहत अलग नीति है लेकिन वह 100% सब्सिडी नहीं देती है।

    पंजाब निवासी हरि चंद द्वारा 2018 में दायर याचिका में धनी किसानों के संबंध में लाभों को चुनौती दी गई। यह तर्क दिया गया कि 100% सब्सिडी देने के बजाय कुछ प्रतिबंध होने चाहिए।

    चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुधीर सिंह की पीठ ने शुरुआत में याचिकाकर्ता से पूछा कि 'धनी किसान' कौन हैं।

    वकील ने कहा कि किसानों के पास कितनी ज़मीन है, अन्य आय के स्रोत क्या हैं आदि को देखकर इस तरह का निर्धारण किया जा सकता है।

    इसके बाद पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि उसे यह संतुष्ट करना होगा कि क्या यह नीतिगत मामला है। अदालत इसमें किस हद तक हस्तक्षेप कर सकती है।

    सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने तर्क दिया कि अधिनियम की धारा 65 के तहत दी जाने वाली सब्सिडी करदाताओं पर बोझ नहीं है", क्योंकि राज्य इसे अपने पैसे से दे रहा है।

    जस्टिस सुधीर सिंह ने टिप्पणी की,

    "राज्य जो कुछ भी देता है वह करदाताओं के पैसे से है।

    इसके साथ ही याचिका को 26 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

    केस टाइटल: हरि चंद बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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