[Maur Mandi Blast] बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने जांच पर नाराजगी जताई
Amir Ahmad
1 May 2024 1:24 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब के बठिंडा में हुए 2017 मौर मंडी विस्फोट की विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा की गई जांच की गति पर नाराजगी जताई। इस विस्फोट में सात लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए थे।
जांच के दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों का नाम लिया, जो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बताए गए, जिनके नाम गुरतेज सिंह, अमरीक सिंह और अवतार सिंह हैं।
2020 में स्टेटस रिपोर्ट को पढ़ते हुए न्यायालय की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि इस मामले में अब तक की गई जांच सुस्त और धीमी है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी ने कहा,
“बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद यह स्पष्ट है कि न तो गुरतेज सिंह, अमरीक सिंह और न ही अवतार सिंह को पकड़ा गया। 17.09.2020 को समन्वय पीठ ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। लगभग चार साल की अवधि बीत चुकी है लेकिन स्थिति वही बनी हुई है।"
न्यायालय गुरजीत सिंह पात्रान और एक अन्य द्वारा 2018 में दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मौर मंडी बम विस्फोट की घटना की स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की मांग की गई थी। पात्रान ने आरोप लगाया कि मामले में डेरा सच्चा सौदा के कुछ अनुयायियों के नाम सामने आने के बाद से जांच धीमी हो गई।
जांच से संतुष्टि व्यक्त करने के बाद उसी वर्ष हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
हालांकि, याचिका का निपटारा करते हुए न्यायालय ने कहा,
"यदि याचिकाकर्ताओं को लगता है कि जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है या एसआईटी प्रयास में कमी कर रही है तो आवेदन देकर इस याचिका को पुनर्जीवित करने का अधिकार उनके पास सुरक्षित है।"
तदनुसार, SIT द्वारा की गई जांच की धीमी गति के कारण याचिका को पुनर्जीवित किया गया। इससे पहले पुलिस द्वारा प्रस्तुत किया गया कि आरोपी व्यक्तियों को घोषित अपराधी घोषित किया गया और उनकी संपत्तियां कुर्क की गई।
वर्तमान कार्यवाही में न्यायालय ने उल्लेख किया कि गुलनीत सिंह खुराना आईपीएस, सीनियर पुलिस अधीक्षक बठिंडा द्वारा दायर दिनांक 20.10.2023 की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, शाहपुर बेगम गांव में अमरीक सिंह की संपत्ति की कुर्की की गई।"
न्यायालय ने आगे कहा,
"बठिंडा के सीनियर पुलिस अधीक्षक दीपक पारीक, आईपीएस द्वारा दायर नवीनतम स्टेटस रिपोर्ट में 10.10.2023 से 04.04.2024 के बीच उक्त व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों/मित्रों पर की गई विभिन्न छापेमारी का विवरण दिया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।”
न्यायालय ने टिप्पणी की,
"उक्त हलफनामे में यह नहीं दर्शाया गया कि कुर्क की गई संपत्ति की बिक्री के लिए आगे कोई कदम उठाए गए, या नहीं।"
मामले को 3 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने कहा,
"इस संबंध में सीआरपीसी के अध्याय-VI के तहत क्या कदम उठाए गए हैं, इस बारे में एक विस्तृत हलफनामा दायर किया जाए।"