Farmers Protest | पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने न्यायिक जांच समिति को प्रदर्शनकारी की मौत पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया

Amir Ahmad

10 April 2024 10:03 AM GMT

  • Farmers Protest | पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने न्यायिक जांच समिति को प्रदर्शनकारी की मौत पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया

    पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायिक जांच समिति को छह सप्ताह का समय दिया।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी ने जांच समिति द्वारा भेजे गए कॉम्युनिकेशन पर ध्यान दिया, जिसमें उन्होंने न्यायालय को सूचित किया कि शुभकरण सिंह की मौत की जांच के लिए छह सप्ताह की आवश्यकता होगी। वहीं न्यायालय ने दोनों राज्यों से समिति के साथ सहयोग करने को कहा।

    सिंह ने 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी जान गंवा दी। आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लगने से उनकी मौत हो गई।

    7 मार्च को न्यायालय ने कहा कि सिंह की मौत की जांच पंजाब या हरियाणा को नहीं सौंपी जा सकती,

    "स्पष्ट कारणों से, क्योंकि दोनों राज्यों के पास छिपाने के लिए कई चीजें हैं और रिटायर्ड हाइकोर्ट जज जस्टिस जयश्री ठाकुर और हरियाणा और पंजाब के एडीजीपी रैंक के दो अधिकारियों वाली तीन सदस्यीय समिति गठित की।

    हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी किसान की मौत की न्यायिक जांच के आदेश का विरोध करते हुए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा कि न्यायिक जांच से हरियाणा पुलिस के खिलाफ आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित होगी।

    पीठासीन जज जस्टिस सूर्यकांत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मौखिक रूप से कहा,

    "हाइकोर्ट ने अपने विवेक से पूर्व जज को नियुक्त करने के बारे में सोचा है तो हम इसमें (हस्तक्षेप) क्यों करें? निष्पक्ष जांच के अधिकार की भी रक्षा की जानी चाहिए ।”

    सॉलिसिटर जनरल न्यायिक जांच के आदेश का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

    मामले की जांच के लिए मार्च में समिति गठित करते हुए हाईकोर्ट ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए-

    (i) यह सबसे पहले यह रिपोर्ट देगी कि शुभकरण की मौत की जांच करने का अधिकार किस पुलिस अधिकारी के पास होगा, क्योंकि घटना स्थल और मौत की पुष्टि सबसे पहले की जानी है। राज्य अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है, जबकि दूसरा राज्य जांच को अपने हाथ में लेने के लिए तरस रहा है। शुभकरण की मौत का कारण और किस तरह के हथियार से गोली चली, यह भी समिति के अधिकार क्षेत्र में होगा।

    (ii) समिति इस मुद्दे की भी जांच करेगी कि क्या ऊपर बताई गई तारीखों पर इस्तेमाल किया गया बल स्थिति के अनुरूप था और अपनी रिपोर्ट देगी।

    मामले को आगे के विचार के लिए मई के अंतिम सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया।

    केस टाइटल- उदय प्रताप सिंह बनाम यूओआई और अन्य

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