पटना हाईकोर्ट की अवमानना कार्रवाई की चेतावनी: PM मोदी की मां का AI-वीडियो 48 घंटे में हटाए मेटा
Amir Ahmad
16 Oct 2025 12:02 PM IST

पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. को चेतावनी दी कि यदि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी का आपत्तिजनक AI-जनरेटेड वीडियो हटाने के कोर्ट के पिछले निर्देश का पालन करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ स्वतः संज्ञान अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी।
इसके जवाब में मेटा की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि एक बार URL उन्हें मुहैया करा दिया जाए तो इसे 48 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा।
चीफ जस्टिस पी.बी. बाजनथ्री और जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने इस आश्वासन को रिकॉर्ड कर लिया।
कोर्ट विवेकानंद सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मूल रूप से बिहार कांग्रेस द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए विवादास्पद वीडियो को हटाने की मांग की गई थी।
17 सितंबर को कोर्ट ने विभिन्न सुप्रीम कोर्ट के फैसलों (जैसे "के.एस. पुट्टास्वामी" "NALSA फाउंडेशन", "सुब्रमण्यम स्वामी" आदि) का हवाला देते हुए जिन्होंने निजता के अधिकार और गरिमा के अधिकार को मौलिक अधिकारों का हिस्सा माना, मध्यस्थों को वीडियो के सर्कुलेशन को रोकने का निर्देश दिया था।
जब मामला 15 अक्टूबर को सुनवाई के लिए आया तो कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा,
"यदि प्रतिवादी नंबर 6 (Meta) इस न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर रहा है तो उसे स्वयं सुधार करना चाहिए। अन्यथा स्वतः संज्ञान अवमानना कार्रवाई शुरू की जाएगी।"
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट संतोष कुमार ने बताया कि वीडियो के सर्कुलेशन को रोकने के अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश के बावजूद Meta प्लेटफॉर्म्स (इंस्टाग्राम और फेसबुक) अभी भी उस अपमानजनक सामग्री को होस्ट कर रहे हैं।
मुकुल रोहतगी के आश्वासन को रिकॉर्ड करने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह संबंधित दस्तावेज जिसमें आपत्तिजनक सामग्री वाली पेन ड्राइव भी शामिल है, प्रतिवादियों के वकील को दो दिनों के भीतर उपलब्ध कराएं।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी निर्देश दिया कि वह 17 सितंबर 2025 को पारित पिछले आदेश के प्रभावी अनुपालन के लिए आपत्तिजनक वीडियो का URL कोड Meta, Google और X (पूर्व में Twitter) को दो दिनों के भीतर प्रदान करे।
कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख (12 नवंबर) से पहले मुख्य याचिका के साथ-साथ अंतरिम आवेदनों पर भी आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी।
आरोप है कि विवादित AI-जनरेटेड वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी को सोते हुए सपना देखते हुए दिखाया गया, जहां उनकी माँ प्रकट होती हैं और उनकी नीतियों के लिए उन्हें फटकार लगाती हैं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यह वीडियो प्रधानमंत्री की दिवंगत मां की गरिमा का उल्लंघन करता है। यह घिनौना, अपमानजनक और अरुचिकर है।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि यह वीडियो राहुल गांधी की जानकारी में पोस्ट किया गया था।

