पटना हाइकोर्ट ने रोजगार के कारण एलएलबी क्लासेस से छूट की मांग करने वाले साइंस टीचर द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज की

Amir Ahmad

29 Jan 2024 8:13 AM GMT

  • पटना हाइकोर्ट ने रोजगार के कारण एलएलबी क्लासेस से छूट की मांग करने वाले साइंस टीचर द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज की

    पटना हाइकोर्ट ने जवाहर नवोदय विद्यालय (जिला गढ़वा, झारखंड राज्य) के साइंस टीचर द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी। उक्त टीचर ने इस आधार पर एलएलबी क्लासेस में भाग लेने से छूट मांगी थी कि याचिकाकर्ता शैक्षणिक संस्थान द्वारा नियोजित है।

    चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रतिनिधित्व को "गुमराह" माना और कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत मांगी गई छूट या की गई प्रार्थना में कोई सार्वजनिक हित नहीं है।

    अदालत ने कहा,

    ''हम अधिक से अधिक यह कह सकते हैं कि प्रतिनिधित्व गुमराह है और उस पर कोई विचार नहीं किया जा सकता। आगे के तर्क आरटीआई आवेदन के संबंध में हैं, जिसे फिर से जनहित याचिका में दायर करने की मांग नहीं की जा सकती।"

    न्यायालय ने आगे कहा,

    "हमें यह भी ध्यान से देखना होगा कि RTI Act के तहत मांगी गई छूट या की गई प्रार्थना में कोई सार्वजनिक हित नहीं है। याचिकाकर्ता पूरी तरह से व्यक्तिगत मुद्दा उठा रहा है, जिस तरह से अनुरोध किया गया, वह गलत है।”

    जनहित याचिका में विशेष रूप से यूनिवर्सिटी के चांसलर (प्रतिवादी नंबर 1) को एलएलबी कोर्स में उपस्थिति से छूट का अनुरोध करने वाले मनोज कुमार के प्रतिनिधित्व पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई। प्रतिनिधित्व में कुलाधिपति से छूट अनुरोध पर आदेश पारित करने का निर्देश देने की मांग की गई, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने एलएलबी कोर्स के लिए बिहार राज्य के कॉलेज में एडमिशन लेने का इरादा किया।

    कुमार ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर 27-01-2023 को राजभवन पटना के लोक सूचना अधिकारी को आरटीआई आवेदन भी दायर किया, जिसका निपटारा कर दिया गया।

    अदालत ने जनहित याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता के व्यक्तिगत रूप से पेश होने का हवाला देते हुए खुद पर जुर्माना लगाने से रोक लगा दी।

    न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला,

    "हम रिट याचिका को गलत धारणा वाली और अनुच्छेद 226 के तहत लागू अधिकार क्षेत्र का स्पष्ट दुरुपयोग मानते हुए जनहित याचिका के रूप में खारिज करते हैं।"

    अपीयरेंस

    याचिकाकर्ताओं के लिए वकील- मनोज कुमार

    प्रतिवादियों के लिए- पी.के.शाही, विकास कुमार, राजेश कुमार और विपिन कुमार।

    केस नंबर: सिविल रिट क्षेत्राधिकार केस नंबर 17945 2023

    केस टाइटल- मनोज कुमार बनाम बिहार विश्वविद्यालय के चांसलर एवं अन्य।

    एलएल साइटेशन- लाइव लॉ (पैट) 17 2024

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