पटना हाईकोर्ट ने 16 साल बाद पंचायत शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

26 April 2025 6:05 AM

  • पटना हाईकोर्ट ने 16 साल बाद पंचायत शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया

    पटना हाईकोर्ट ने 2009 में पंचायत शिक्षक के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को निर्देश दिया कि वे नियोजन इकाई से संबंधित सेवा विवरण प्राप्त करें और जिला अपीलीय प्राधिकारी एवं राज्य अपीलीय प्राधिकारी द्वारा दिए गए पूर्व आदेशों का पालन करते हुए नियुक्ति पत्र जारी करें।

    जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने अपने आदेश में कहा,

    “मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, सिवाय इसके कि जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को निर्देश दिया जाए कि वे नियोजन इकाई से याचिकाकर्ताओं से संबंधित सेवा विवरण प्राप्त करें और दिनांक 15.12.2020 को राज्य अपीलीय प्राधिकारी द्वारा संशोधित आदेश के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें, जिसमें याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया।”

    मामले की पृष्ठभूमि:

    याचिका दायर करने वाले 16 अभ्यर्थी 25.02.2009 की चयन सूची में पंचायत शिक्षक के पद के लिए चयनित हुए थे, जो कि बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त) नियमावली, 2006 के तहत जारी हुई थी। बावजूद इसके उन्हें आज तक पद पर नियुक्त नहीं किया गया।

    आगे की प्रक्रिया:

    चयन के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो याचिकाकर्ताओं ने जिला अपीलीय प्राधिकारी सारण के समक्ष अपील दायर की। वहां से नियोजन प्रक्रिया को दो माह में पूरा करने का निर्देश दिया गया लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट आया, जिसने जिला पदाधिकारी, छपरा को आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा।

    बाद में यह मामला राज्य अपीलीय प्राधिकारी के पास गया, जिन्होंने तथ्यों की समीक्षा के बाद नियुक्ति पर विचार करने और सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट की टिप्पणी,

    कोर्ट ने यह भी नोट किया कि इस बीच नियमावली 2006 को 2012 की नियमावली ने निरस्त कर दिया, लेकिन नियम 18 के तहत पूर्व की कार्यवाही सुरक्षित रखी गई। इसलिए यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ताओं का चयन वैध था और नियुक्ति पत्र जारी न करना नियोजन इकाई की मनमानी का परिणाम है।

    कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति आदेशों को किसी भी स्तर पर चुनौती नहीं दी गई। फिर भी उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया। यह पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमानी है।

    कोर्ट ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आदेश दिया कि वे नियोजन इकाई से सेवा से संबंधित विवरण लेकर नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी करें।

    केस टाइटल- रमेश महतो एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

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