कोई कानूनी अधिकार नहीं, फीस को बहुत ज़्यादा नहीं कहा जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने AIBE के लिए आवेदन फीस कम करने की याचिका खारिज की

Amir Ahmad

27 Jun 2024 6:16 AM GMT

  • कोई कानूनी अधिकार नहीं, फीस को बहुत ज़्यादा नहीं कहा जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने AIBE के लिए आवेदन फीस कम करने की याचिका खारिज की

    मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) के लिए आवेदन शुल्क कम करने की मांग वाली याचिका खारिज की।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की खंडपीठ ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम (Advocates Act) के तहत निर्धारित नामांकन फीस के विपरीत अखिल भारतीय बार परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क से संबंधित कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। ऐसी स्थिति में न्यायालय ने कहा कि ऐसा कोई कानूनी अधिकार नहीं है जिसके लिए परमादेश जारी किया जा सके।

    नामांकन फीस के मामले के विपरीत कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है, जो परीक्षा फीस के लिए कोई विशेष राशि निर्धारित करता हो। न्यायालय ने कहा कि केवल तभी परमादेश रिट जारी की जा सकती है, जब आवेदक कानूनी अधिकार के अस्तित्व को दर्शा सके। इस मामले में ऐसा कोई कानूनी अधिकार नहीं दर्शाया गया। न्यायालय ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में भी जहां कोई कानूनी अधिकार नहीं हैन्यायालय हस्तक्षेप कर सकता है, यदि उसे लगता है कि फीस की मात्रा अत्यधिक है। हालांकि वर्तमान मामले में न्यायालय ने कहा कि आवेदन शुल्क 3,500 रुपये था, जिसे अत्यधिक नहीं कहा जा सकता।

    न्यायालय ने कहा,

    "किसी भी वैधानिक उल्लंघन की अनुपस्थिति में भी यदि हमें फीस की मात्रा अत्यधिक लगती है तो हम इसमें हस्तक्षेप करने के लिए उचित होंगे। लेकिन ऐसा मामला नहीं है। आवेदकों से केवल 3,500 रुपये की राशि की मांग की गई है। इसे अधिक नहीं कहा जा सकता। हमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला।"

    न्यायालय वकील गोकुल अभिमन्यु द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने तर्क दिया कि आवेदन फीस कम किया जाना चाहिए। हालांकि न्यायालय राहत देने के लिए इच्छुक नहीं था। न्यायालय ने कहा कि एडवोकेट एक्ट की धारा 24(1)(एफ) के अनुसार राज्य बार काउंसिल को देय नामांकन फीस 600 रुपये तथा बार काउंसिल ऑफ इंडिया को देय 150 रुपये है। हालांकि यह देखते हुए कि सभी राज्य बार काउंसिल इस राशि से अधिक फीस ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसने बार काउंसिल ऑफ इंडिया तथा राज्य बार काउंसिल को नोटिस भी जारी किया।

    हालांकि वर्तमान मामले में न्यायालय ने कहा कि मुद्दा नामांकन फीस से संबंधित नहीं है बल्कि एआईबीई के लिए देय आवेदन फीस से संबंधित है।

    वर्ष 2017 में BCI ने AIBE के लिए आवेदन फीस बढ़ाकर 3500 रुपये कर दिया था। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के लिए आवेदन शुल्क 2500 रुपये है।

    केस टाइटल- गोकुल अभिमन्यु बनाम भारत संघ और अन्य

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