कोयंबटूर में रिजर्व फॉरेस्ट के नजदीक अवैध खनन: मद्रास हाईकोर्ट ने भूविज्ञान एवं खनन आयुक्त और एसपी को तलब किया, CBI जांच की चेतावनी दी
Amir Ahmad
28 Nov 2024 2:51 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट ने भूविज्ञान एवं खनन आयुक्त और कोयंबटूर के पुलिस अधीक्षक को उसके समक्ष उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि कोयंबटूर में रिजर्व फॉरेस्ट के नजदीक अवैध खनन कैसे हो रहा है।
जस्टिस एन सतीश कुमार और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की विशेष रूप से गठित पीठ कार्यकर्ता एस मुरलीधरन द्वारा कोयंबटूर वन प्रभाग में हाथी गलियारों को सुरक्षित करने और पूरे पश्चिमी घाट को विशेष पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र के रूप में नामित करने और जंगल के अंदर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों या आवासों की अनुमति नहीं देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अधिकारियों को तलब करते हुए अदालत ने जिला जज की रिपोर्ट पर भी ध्यान दिया, जिन्होंने अदालत के आदेश पर क्षेत्र का निरीक्षण किया था और क्षेत्र में हो रहे पर्यावरणीय क्षरण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिला जज ने अपनी रिपोर्ट में ईंट भट्टों के संचालन में अनियमितताएं पाई। जिला जज ने कहा कि भूस्वामियों की मिलीभगत से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रेत खनन किया जा रहा है।
सरकार की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि राज्य अवैध रेत खनन में लगे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में विफल रहता है तो वह CBI जांच का आदेश देगा। न्यायालय ने एक अन्य वादी और सामाजिक कार्यकर्ता एम शिवा पर हमले से संबंधित एक मामले में राज्य पुलिस द्वारा की गई जांच का विवरण भी मांगा।
पिछली सुनवाई में न्यायालय को बताया गया कि शिवा को लोगों के एक समूह ने बेरहमी से पीटा था। पुलिस और राजस्व अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद कोई भी उन्हें बचाने नहीं आया और एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई।
केस टाइटल: एस मुरलीधरन बनाम प्रधान मुख्य वन संरक्षक और अन्य