मद्रास हाईकोर्ट ने बेटी का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश करने वाले पति की हत्या करने वाली महिला के खिलाफ कार्यवाही रद्द की
Amir Ahmad
23 Aug 2024 12:17 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में महिला के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द कर दिया, जिस पर अपने पति की हत्या करने का आरोप है। महिला के पति ने नशे की हालत में अपनी 21 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी।
जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि सामग्री को देखने पर यह स्पष्ट है कि यह कृत्य निजी बचाव के तहत किया गया था। यह स्पष्ट है कि महिला ने अपनी बेटी के सम्मान को बचाने के लिए कथित अपराध किया था।
अदालत ने कहा,
“रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि मृतक नशे की हालत में था। उसने अपनी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। अपनी बेटी के सम्मान को बचाने के लिए याचिकाकर्ता, जो कोई और नहीं बल्कि लड़की की मां है, उसने उपरोक्त अपराध किया।”
अदालत ने बेटी के बयान के साथ-साथ तस्वीरों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए निष्कर्ष निकाला कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत अभियोजन पक्ष गलत था। अदालत ने पाया कि यह कृत्य निजी बचाव का स्पष्ट मामला था जिसके लिए IPC की धारा 97 लागू होती है।
अदालत ने पाया कि जांच के अनुसार मृतक (पिता) अपनी बेटी के ऊपर लेटा हुआ था और उसका मुंह बंद किए हुए था। आवाज सुनकर मां ने उसे खींचने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं हिला तो उसने लकड़ी का चाकू लिया और उसके सिर के पीछे वार किया। इसके अलावा जब पिता ने फिर भी हिलने से इनकार कर दिया और अपनी यौन क्रिया जारी रखी तो मां ने हथौड़ा लिया और उसके सिर पर वार किया, जिससे उसकी तत्काल मृत्यु हो गई।
अदालत ने पाया कि गवाहों के बयान पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के दौरान मां द्वारा दिए गए बयान से मेल खाते हैं।
इस प्रकार अदालत ने कहा कि घटना हस्तक्षेप करने के लिए उपयुक्त मामला था। तदनुसार, याचिका को स्वीकार करते हुए आपराधिक मामला रद्द कर दिया।
केस टाइटल- प्रीता बनाम पुलिस निरीक्षक और अन्य