Grindr App का इस्तेमाल अपराध करने के लिए किया गया: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐप के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा

Amir Ahmad

21 Aug 2024 6:36 AM GMT

  • Grindr App का इस्तेमाल अपराध करने के लिए किया गया: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐप के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा

    मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में पाया कि लोकप्रिय समलैंगिक डेटिंग ऐप Grindr का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। अदालत ऐसे व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर ऐप के ज़रिए दूसरे व्यक्ति का यौन शोषण करने और उसे लूटने का आरोप था। इसलिए अदालत ने जांच अधिकारी को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को रिपोर्ट करने का सुझाव दिया, जिससे वह कानून के अनुसार ऐप को ब्लॉक करने सहित उचित कार्रवाई कर सके।

    अदालत ने कहा,

    "जांच अधिकारी उचित एजेंसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार को भी मोबाइल ऐप के बारे में रिपोर्ट करेगा कि इसका इस्तेमाल अपराध/अवैध उद्देश्य के लिए किया जा रहा है, जिससे वे कानून के अनुसार ब्लॉक करने सहित उचित कार्रवाई पर विचार कर सकें।"

    जस्टिस भरत चक्रवर्ती ने टिप्पणी की कि यह ऐप इसलिए अवैध नहीं है, क्योंकि यह समलैंगिक व्यक्तियों से संबंधित है, बल्कि यह केवल कामुक उद्देश्य और पक्षों के यौन हितों को पूरा करता है।

    अदालत महाराजा द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 483 के तहत दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उनके खिलाफ मामला यह था कि उन्होंने Grindr App के माध्यम से मिले शिकायतकर्ता को एकांत स्थान पर ले जाकर उसका यौन शोषण किया और उसकी चेन और क्रेडिट कार्ड लूट लिया। यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने 1,15,000 रुपये की राशि निकाली थी। इस प्रकार उन पर आईपीसी की धारा 294(बी), 377, 387, 506(2) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया।

    अदालत ने उनके इस वचन पर विचार करते हुए उन्हें जमानत देने का फैसला किया कि वे ऐप से बाहर आ जाएंगे और किसी भी तरह के सोशल मीडिया का हिस्सा नहीं बनेंगे। महाराजा ने यह भी वचन दिया कि वे स्वेच्छा से अपना मोबाइल फोन सरेंडर करेंगे और अगर वे नया फोन खरीदते हैं तो पुलिस को सूचित करेंगे।

    इस प्रकार न्यायालय ने महाराजा को दो जमानतदारों के साथ 10,000 रुपये की राशि का बांड निष्पादित करने पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया।

    केस टाइटल- महाराजा बनाम पुलिस निरीक्षक

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