फर्जी NCC कैंप में नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न | मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
20 Sept 2024 12:15 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कृष्णागिरी जिले में आयोजित फर्जी NCC कैंप में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई पीड़ित स्कूली लड़कियों को अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस पीबी बालाजी की पीठ एडवोकेट एपी सूर्यप्रकाशम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
पीठ ने राज्य सरकार को महिला न्यायालय के खाते में अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया, जिसने सरकार की पीड़ित मुआवजा योजना से अंतरिम मुआवजा पहले ही मंजूर कर दिया था।
अदालत ने पीड़ित लड़कियों को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
यौन उत्पीड़न की शिकार दो नाबालिग लड़कियों को पांच-पांच लाख रुपये और अन्य पीड़ित लड़कियों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
अदालत ने कहा कि फर्जी शिविरों के आयोजन की अनुमति देने वाले स्कूलों से यह रकम वसूलना राज्य का काम है।
गुरुवार को जब मामले की सुनवाई हुई तो एडवोकेट ने मौखिक रूप से अदालत से बंद कमरे में सुनवाई करने का अनुरोध किया, क्योंकि राज्य को स्टूडेंट पर किए गए यौन उत्पीड़न का ब्योरा साझा करना था।
एडवोकेट एपी सूर्यप्रकाशम ने इस अनुरोध पर आपत्ति जताई और कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वप्रेरणा से आरजी कर मामले की सुनवाई करते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल द्वारा रखे गए ऐसे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
जब राज्य ने दोबारा अनुरोध किया तो अदालत ने राज्य से सीलबंद लिफाफे में ब्योरा देने को कहा जिस पर वह गौर करेगी और फिर देखेगी कि कार्यवाही बंद कमरे में आयोजित करने की जरूरत है या नहीं।
सुनवाई के दौरान राज्य ने अदालत को यह भी बताया कि राज्य ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) की सिफारिश के बाद स्कूलों के प्रशासन को देखने के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति का सरकारी आदेश पारित किया है।
राज्य ने अदालत को यह भी बताया कि मामले के संबंध में 3 FIR दर्ज की गई हैं और 20 गिरफ्तारियां की गई।
अदालत को बताया गया कि धारा 180(3) के तहत 712 स्टूडेंट की जांच की गई और 212 बयानों की जांच की गई। राज्य ने यह भी बताया कि दो पीड़ित लड़कियों की मेडिकल जांच भी की गई है।
राज्य ने आगे बताया कि 15 आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों के 36 बैंक खातों की वित्तीय जांच भी की जा रही है। यह भी कहा गया कि जांच के दौरान बरामद सीपीयू, मॉनिटर, हार्ड डिस्क, डीवीडी, सेलफोन आदि को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और FSL रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
इस दलील को ध्यान में रखते हुए अदालत ने राज्य को दो सप्ताह के भीतर अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया और मामले को 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
केस टाइटल- एपी सूर्यप्रकाशम बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य