2018 के आश्वासन के बावजूद राज्य में 31 जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पद खाली: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका

Amir Ahmad

2 May 2025 12:53 PM IST

  • 2018 के आश्वासन के बावजूद राज्य में 31 जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पद खाली: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका

    मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जो राज्य में जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पदों के लंबे समय से खाली पड़े होने को लेकर है।

    यह याचिका एक पत्र के आधार पर दाखिल की गई, जो डॉ. पी. जी. नजपांडे, अध्यक्ष नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को संबोधित किया गया।

    चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,

    “याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा> उसके बाद वे इस याचिका में उठाए गए मुद्दे पर न्यायालय की सहायता करेंगे। आवश्यक कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर की जाए।”

    पत्र की प्रमुख बातें:

    मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में उपभोक्ता आयोगों, विशेष रूप से अध्यक्ष पदों पर नियुक्तियां नहीं की गईं।

    इसके कारण उपभोक्ता शिकायतों के निपटारे में भारी देरी हो रही है, लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है, पीड़ित उपभोक्ताओं को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा और कार्यरत आयोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

    वर्ष 2018 में भी ऐसी ही स्थिति को लेकर तत्कालीन चीफ जस्टिस को पत्र लिखा गया था जिसे जनहित याचिका में परिवर्तित कर लिया गया था।

    उस समय राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में यह आश्वासन दिया कि 31 अगस्त 2018 तक अध्यक्ष पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके आधार पर याचिका का निस्तारण कर दिया गया था।

    हाल की स्थिति:

    पत्र में आरोप लगाया गया कि उस आश्वासन के बावजूद अब तक नियुक्तियां नहीं की गईं। मध्यप्रदेश के 51 जिला उपभोक्ता आयोगों में से 31 आयोगों में अध्यक्ष पद खाली हैं।

    इस वजह से एक आयोग के अध्यक्ष को 2 से 3 आयोगों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है।

    याचिकाकर्ता ने आग्रह किया कि इस गंभीर मामले में न्यायिक हस्तक्षेप किया जाए, क्योंकि इससे राज्य के उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है।

    केस टाइटल: डॉ. पी. जी. नजपांडे बनाम मुख्य सचिव, रिट याचिका संख्या 11431/2025

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