मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट पदार्थ के निपटान के लिए ट्रायल रन का आदेश दिया

Amir Ahmad

19 Feb 2025 6:57 AM

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले अपशिष्ट पदार्थ के निपटान के लिए ट्रायल रन का आदेश दिया

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (18 फरवरी) को राज्य को निर्देश दिया कि वह 27 फरवरी को सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पीथमपुर संयंत्र में यूनियन कार्बाइड के 10 मीट्रिक टन अपशिष्ट पदार्थ के निपटान के लिए पहला ट्रायल रन करे।

    न्यायालय ने कहा कि ट्रायल रन के लिए 30 मीट्रिक टन अपशिष्ट को 10 मीट्रिक टन के तीन लॉट में निपटाया जाएगा।

    चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा,

    “हम प्रतिवादियों को 27.02.2025 को सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 10 मीट्रिक टन का पहला ट्रायल रन करने और उसके बाद उसका परिणाम देखने का निर्देश देते हैं। यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है तो दूसरा ट्रायल रन 04.03.2025 को होगा। उसके बाद तीसरा ट्रायल रन 10.03.2025 को होगा। उसके बाद उसी के परिणामों के आधार पर उचित परीक्षणों के बाद वे शेष कचरे का निपटान करना जारी रखेंगे और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करेंगे।''

    6 जनवरी के अपने अंतिम आदेश में अदालत ने मीडिया को पीथमपुर सुविधा में यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट पदार्थ के निपटान के संबंध में कोई भी फर्जी खबर या गलत सूचना प्रकाशित नहीं करने का आदेश दिया था।

    इसके अलावा अदालत ने राज्य को सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखने और तदनुसार 3 दिसंबर 2024 के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया।

    मंगलवार (18 फरवरी) को राज्य सरकार ने अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने 11 जनवरी को एक बैठक की और 2013 और 2015 में किए गए। पिछले ट्रायल रन के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश जारी किए।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भोपाल गैस राहत त्रासदी एवं पुनर्वास विभाग द्वारा छह सप्ताह की समय-सीमा की कार्ययोजना तैयार की गई। संबंधित हितधारकों को उपलब्ध कराई गई, जिससे पर्यावरण विशेषज्ञों, मेडिकल विशेषज्ञों तथा विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा वास्तविक तथ्यों से जनता को अवगत कराया जा सके, जिससे UCIL अपशिष्ट के निपटान के संबंध में वैज्ञानिक दस्तावेजों के साथ समुचित सार्वजनिक संचार किया जा सके।

    राज्य सरकार ने न्यायालय को यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न पदाधिकारियों के अथक प्रयासों के कारण किसी भी सार्वजनिक आक्रोश या अशांति से बचते हुए ट्रकों से पूरा कचरा उतार दिया गया और 11 लोगों के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर धार से अनुरोध किया कि वे 10 मीट्रिक टन का ट्रायल रन करें। इसके परिणामों को जनता के साथ साझा करने के बाद शेष कचरे का निपटान सभी प्रोटोकॉल और प्रक्रिया/दिशानिर्देशों आदि का पालन करते हुए धीरे-धीरे किया जाए।

    न्यायालय ने प्रतिवादियों को 27.02.2025 को सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 10 मीट्रिक टन का पहला ट्रायल रन करने और उसके बाद उसका परिणाम देखने का निर्देश दिया।

    न्यायालय ने ट्रायल रन की रिपोर्ट के साथ मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को तय की।

    केस टाइटल: आलोक प्रताप सिंह (मृतक) इन रेम बनाम भारत संघ और अन्य

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