रेलवे भूमि पर बने दुर्गा पंडाल मामले में एमपी हाईकोर्ट का निर्देश, याचिकाकर्ता आयोजकों को बनाए पक्षकार
Amir Ahmad
25 Sept 2025 12:14 PM IST

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार (24 सितंबर) को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि रेलवे भूमि पर कथित रूप से अवैध रूप से बनाए गए दुर्गा पंडाल मामले में याचिकाकर्ता आयोजकों को पक्षकार बनाए।
यह याचिका जबलपुर के ग्वारीघाट क्षेत्र में सार्वजनिक और रेलवे भूमि पर अवैध ढांचे खड़े करने के खिलाफ सीनियर सिटीजन द्वारा दायर की गई। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पुरानी बस्ती और ब्रह्मऋषि कॉलोनी जाने वाली सड़क पर तथा रामलला मंदिर चौक स्थित खाली पड़ी रेलवे भूमि पर पंडाल बनाया गया।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि पहले एक अस्थायी पंडाल को स्थायी धातु शेड में बदला जा रहा था, जिसकी शिकायत पर रेलवे ने जनवरी 2025 में अवैध निर्माण हटाया था। याचिकाकर्ता ने राजेंद्र कुमार वर्मा बनाम मध्यप्रदेश राज्य (2015) मामले का हवाला देते हुए कहा कि सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध अतिक्रमण है। यदि अनुमति दी गई तो यह अदालत की अवमानना है।
सोमवार को अदालत ने मौखिक रूप से याचिकाकर्ता से पूछा था कि जब रेलवे ने स्वयं कोई आपत्ति नहीं की तो उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत रूप से क्या आपत्ति है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरते हैं और यातायात अवरोध का सामना करते हैं। अदालत ने उन्हें क्षेत्र की नवीनतम तस्वीरें और साइट प्लान दाखिल करने का निर्देश दिया था।
बुधवार को हुई सुनवाई में रेलवे के वकील ने चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय साराफ की खंडपीठ को बताया कि आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति दी गई। हालांकि याचिकाकर्ता का कहना था कि रेलवे भूमि पट्टे पर देने का अधिकार रखता है। हालांकि, ऐसे आयोजन की अनुमति जिला कलेक्टर, नगर निगम, अग्निशमन और विद्युत विभाग से लेनी होती है, जैसा कि 2010 और 2015 में न्यायिक दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया।
याचिकाकर्ता ने रेलवे द्वारा दी गई अनुमति की वैधता पर भी संदेह जताया। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि आयोजकों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।

