विजयदशमी पर सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने की मांग, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा- लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य

Amir Ahmad

27 Sept 2025 12:50 PM IST

  • विजयदशमी पर सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने की मांग, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा- लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य

    मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार (26 सितंबर) को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि विजयदशमी/दशहरे पर सोनम रघुवंशी का पुतला रावण के स्थान पर न जलाया जाए। सोनम रघुवंशी पर अपने पति की मेघालय में हनीमून के दौरान हत्या करने का आरोप है।

    जस्टिस प्रणय वर्मा ने कहा,

    “याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत पैम्फलेट और अन्य दस्तावेजों से स्पष्ट है कि प्रतिवादी नंबर 6 विजयदशमी पर 02.10.2025 को याचिकाकर्ता की पुत्री का पुतला रावण के स्थान पर जलाने का इरादा रखता है। यदि ऐसा है तो यह लोकतांत्रिक देश भारत में पूरी तरह अस्वीकार्य है। भले ही याचिकाकर्ता की पुत्री आपराधिक मामले की आरोपी हो और प्रतिवादी को उससे अथवा उसके परिवार से कोई भी शिकायत हो परंतु इस प्रकार पुतला दहन की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह कदम न केवल याचिकाकर्ता बल्कि उसकी पुत्री और पूरे परिवार के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। प्रतिवादी या कोई अन्य इस तरह का कृत्य नहीं कर सकता।”

    अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि विजयदशमी (02.10.2025) पर प्रतिवादी संगठन या कोई भी व्यक्ति रावण के स्थान पर याचिकाकर्ता की पुत्री अथवा किसी अन्य व्यक्ति का पुतला न जलाए।

    यह आदेश सोनम की मां की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें उन्होंने पीपुल अगेंस्ट अनइक्वल रूल्स यूज्ड टू शेल्टर हरासमेंट' नामक संगठन (प्रतिवादी नंबर 6) के खिलाफ निर्देश मांगे कि वह उनकी पुत्री का पुतला न जलाएं और न ही इस तरह की सार्वजनिक अपमानजनक गतिविधियों को अंजाम दें। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि उनके और उनके परिवार के विरुद्ध किसी प्रकार की 'अवैध और असंवैधानिक' कार्रवाई न की जाए।

    याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि संगठन की यह कार्यवाही कानून के सभी सिद्धांतों के विरुद्ध” है। यह याचिकाकर्ता व उनके परिवार के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ऐसा कृत्य नहीं होने दिया जा सकता जो याचिकाकर्ता और उनके परिवार की छवि को स्थायी रूप से धूमिल कर दे।

    वहीं राज्य की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा कि मामले की विधिवत जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

    अदालत ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

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