मज़दूर से लेकर चीफ जस्टिस तक, सभी को डॉ. अंबेडकर की भावना से सम्मान दिया: MP हाईकोर्ट से जस्टिस सुरेश कुमार कैत का विदाई संबोधन

Amir Ahmad

21 May 2025 11:46 AM IST

  • मज़दूर से लेकर चीफ जस्टिस तक, सभी को डॉ. अंबेडकर की भावना से सम्मान दिया: MP हाईकोर्ट से जस्टिस सुरेश कुमार कैत का विदाई संबोधन

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मंगलवार (20 मई) को अपने विदाई समारोह में भावुक होकर कहा,

    "मज़दूरी से शुरुआत कर इस कोर्ट के चीफ जस्टिस तक का सफर तय करते हुए मैंने हमेशा ज़मीन से जुड़ा रहने की कोशिश की और जाति, धर्म या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी के साथ समानता और सम्मान से व्यवहार किया जैसा डॉ. अंबेडकर ने सपना देखा था।"

    लंबित मामलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा,

    "आप सभी जानते हैं कि इस हाईकोर्ट में भारी संख्या में मामले लंबित हैं। कुल 53 स्वीकृत जज पदों में से वर्तमान में केवल 33 पदस्थ हैं। लगभग 4,80,000 मामले लंबित हैं। इसलिए मैंने जजों की स्वीकृत संख्या 53 से बढ़ाकर 85 करने का प्रस्ताव भेजा है, जो राज्य सरकार के पास लंबित है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि यह जल्द ही लागू होगा।"

    उन्होंने अपने बचपन और संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए कहा,

    "जिस स्कूल में मैंने पढ़ाई की, वहां पर्याप्त कक्षाएं नहीं थीं। हम ज़्यादातर पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ते थे। दसवीं तक यही स्थिति रही। दिल्ली यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात रही है।"

    "मेरे माता-पिता खेतिहर मज़दूर थे। मैं खुद भी दसवीं तक मज़दूरी करता रहा। 2008 में जब मैं पहली बार दिल्ली हाईकोर्ट में जज बना तो मैंने उस बेंच पर बैठने का अवसर पाया जिस पर जस्टिस बदर दुर्रेज़ अहमद बैठे थे, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद के पुत्र हैं। यह सब डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान की वजह से संभव हुआ।"

    अदालती ढांचे के विकास पर उन्होंने बताया,

    "न केवल ज़िला कोर्ट परिसरों को बेहतर किया गया बल्कि न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर, बच्चों के अनुकूल कोर्टरूम जैसी कई सुविधाओं का विकास किया गया। मुझे उम्मीद है कि इससे वादकारी लाभान्वित होंगे।"

    इस अवसर पर हाईकोर्ट के जज, एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव, मध्य प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष, जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर की हाईकोर्ट बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष एवं संजय अग्रवाल, अध्यक्ष हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

    हरियाणा के मूल निवासी जस्टिस कैत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मानविकी में ग्रेजुएट और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैम्पस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। 1989 में वकील के रूप में नामांकन लिया। वह केंद्र सरकार UPSC और रेलवे के लिए सीनियर पैनल वकील भी रहे।

    2004 में वे भारत सरकार के सरकारी वकील नियुक्त किए गए और 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने। 2013 में उन्हें परमानेंट जज बनाया गया। 2016 में उनका तबादला हैदराबाद हाईकोर्ट (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश) में हुआ और 2018 में वह फिर दिल्ली लौटे।

    25 सितंबर, 2024 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए।

    Next Story