जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 8- 11 : राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की स्थापना और संरचना

Himanshu Mishra

3 Sept 2025 6:48 PM IST

  • जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 8- 11 : राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की स्थापना और संरचना

    प्राधिकरण (National Biodiversity Authority - NBA) को एक वैधानिक निकाय (statutory body) के रूप में स्थापित किया ताकि अनुसंधान, वाणिज्यिक उपयोग और जैव-अन्वेषण (bioprospecting) के उद्देश्यों के लिए जैविक संसाधनों (biological resources) और संबंधित पारंपरिक ज्ञान (associated traditional knowledge) तक पहुंच को विनियमित (regulate) किया जा सके।

    एनबीए का प्राथमिक कार्य अधिनियम के उद्देश्यों को लागू करना है, जिसमें जैविक विविधता का संरक्षण (conservation of biological diversity), इसके घटकों का सतत उपयोग (sustainable use of its components), और जैविक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा (fair and equitable sharing of benefits) शामिल है। निम्नलिखित खंड, 8 से 11 तक, एनबीए की स्थापना, संरचना और प्रशासनिक ढांचे (administrative framework) का विवरण देते हैं।

    एनबीए की स्थापना और संरचना (Establishment and Composition of the NBA)

    धारा 8(1) के अनुसार, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (National Biodiversity Authority) केंद्र सरकार द्वारा स्थापित एक बॉडी कॉर्पोरेट (body corporate) है। इसमें शाश्वत उत्तराधिकार और एक सामान्य मुहर (perpetual succession and a common seal) होती है, जिसमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्ति (movable and immovable property) को खरीदने, रखने और बेचने और अनुबंध (contract) करने की शक्ति होती है।

    एनबीए अपने नाम से मुकदमा (sue) भी कर सकता है और उस पर मुकदमा चलाया भी जा सकता है। इसका प्रधान कार्यालय (head office) चेन्नई में स्थित है, लेकिन यह केंद्र सरकार की मंजूरी (approval) से भारत में अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकता है, जैसा कि धारा 8(3) में कहा गया है।

    प्राधिकरण की संरचना को व्यापक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों और सरकारी क्षेत्रों की विशेषज्ञता (expertise) का मिश्रण शामिल है।

    धारा 8(4) के अनुसार, एनबीए में निम्नलिखित सदस्य होते हैं:

    • एक अध्यक्ष (Chairperson): एक प्रख्यात व्यक्ति (eminent person) जिसके पास जैविक विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग और लाभों के उचित और न्यायसंगत बंटवारे से संबंधित मामलों में पर्याप्त ज्ञान, विशेषज्ञता और अनुभव हो। इन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

    • सोलह पदेन सदस्य (ex officio members): इन सदस्यों को प्रमुख मंत्रालयों और विभागों का प्रतिनिधित्व करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। यह पर्यावरण, कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और वन जैसे क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व के साथ जैव विविधता के मुद्दों पर अंतर-मंत्रालयी समन्वय (inter-ministerial coordination) सुनिश्चित करता है।

    • राज्य जैव विविधता बोर्डों (State Biodiversity Boards) से चार प्रतिनिधि: ये सदस्य घूर्णी आधार (rotational basis) पर सेवा करते हैं, जो राष्ट्रीय निकाय और राज्य-स्तरीय प्राधिकरणों के बीच सीधा संबंध प्रदान करते हैं।

    • पांच गैर-आधिकारिक सदस्य (non-official members): ये विशेषज्ञ होते हैं, जिनमें कानूनी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्योग प्रतिनिधि, और जैविक संसाधनों के संरक्षण, सतत उपयोग और लाभों के उचित और न्यायसंगत बंटवारे से संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले ज्ञान-धारक शामिल होते हैं।

    • एक सदस्य-सचिव (Member-Secretary): केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त, इस व्यक्ति के पास जैव विविधता संरक्षण से संबंधित मामलों में अनुभव होता है और यह मुख्य समन्वयक अधिकारी (chief coordinating officer) के रूप में कार्य करता है।

    प्रमुख भूमिकाएं और सेवा शर्तें (Key Roles and Service Conditions)

    अध्यक्ष (Chairperson) को एनबीए का मुख्य कार्यकारी (Chief Executive) नामित किया गया है, जो निर्धारित शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए जिम्मेदार है (धारा 10)। सदस्य-सचिव (Member-Secretary), जो धारा 10A में परिभाषित एक विशिष्ट भूमिका है, प्राधिकरण के "मुख्य समन्वयक अधिकारी" और "संयोजक (convener)" के रूप में कार्य करता है।

    उनकी प्राथमिक भूमिका एनबीए को उसके कार्यों में सहायता करना और अन्य निर्धारित कर्तव्यों का पालन करना है। यह संरचना कार्यकारी प्रमुख (अध्यक्ष) और समन्वयक अधिकारी (सदस्य-सचिव) के बीच भूमिकाओं का एक स्पष्ट विभाजन सुनिश्चित करती है, दोनों ही प्राधिकरण के कुशल कामकाज (efficient functioning) के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    धारा 9 में कहा गया है कि अध्यक्ष, गैर-आधिकारिक सदस्यों और सदस्य-सचिव के कार्यालय की शर्तें (terms of office) और सेवा की शर्तें (service conditions) केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

    सदस्यों को हटाना (Removal of Members)

    एनबीए की अखंडता और प्रभावशीलता (integrity and effectiveness) सुनिश्चित करने के लिए, धारा 11 केंद्र सरकार को विशिष्ट परिस्थितियों में किसी भी सदस्य को हटाने की शक्ति प्रदान करती है। एक सदस्य को हटाया जा सकता है यदि उसे दिवालिया (insolvent) घोषित किया गया हो, नैतिक अधमता (moral turpitude) वाले अपराध का दोषी ठहराया गया हो, या अपने कर्तव्यों का पालन करने में शारीरिक या मानसिक रूप से असमर्थ (physically or mentally incapable) हो गया हो।

    हटाने की कार्रवाई तब भी हो सकती है जब किसी सदस्य ने अपने पद का इतना दुरुपयोग (abused his position) किया हो कि उसका पद पर बने रहना सार्वजनिक हित (public interest) के लिए हानिकारक हो, या यदि उसने ऐसा वित्तीय या अन्य हित (financial or other interest) प्राप्त कर लिया हो जो एक सदस्य के रूप में उसके कार्यों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित (prejudicially affect) कर सकता है।

    यह प्रावधान संभावित कदाचार और हितों के टकराव (misconduct and conflicts of interest) के खिलाफ एक सुरक्षा उपाय के रूप में कार्य करता है।

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