पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 57 - 59: दस्तावेजों के पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में

Himanshu Mishra

6 Aug 2025 5:53 PM IST

  • पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 57 - 59: दस्तावेजों के पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में

    57. पंजीकरण अधिकारी को कुछ पुस्तकों और सूचकांकों का निरीक्षण करने की अनुमति देना, और प्रविष्टियों की प्रमाणित प्रतियां देना (Registering officers to allow inspection of certain books and indexes, and to give certified copies of entries)

    यह धारा इस बात को नियंत्रित करती है कि कौन पंजीकरण कार्यालयों में रखे गए रिकॉर्ड का निरीक्षण कर सकता है और उनकी प्रतियां प्राप्त कर सकता है।

    उपधारा (1) के अनुसार, शुल्क के भुगतान के अधीन, बुक नंबर 1 (Book No. 1) और बुक नंबर 2 (Book No. 2) और उनसे संबंधित सूचकांक (Indexes) का निरीक्षण करने के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हर समय खुले रहेंगे। धारा 62 (section 62) के प्रावधानों के अधीन, ऐसी पुस्तकों में प्रविष्टियों की प्रतियां उन सभी व्यक्तियों को दी जाएंगी जो ऐसी प्रतियों के लिए आवेदन करते हैं।

    • उदाहरण: यदि आप किसी संपत्ति के स्वामित्व का पता लगाना चाहते हैं, तो आप रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन करके बुक नंबर 1 और उसके सूचकांकों का निरीक्षण कर सकते हैं, क्योंकि इसमें अचल संपत्ति से संबंधित सभी गैर-वसीयती दस्तावेज दर्ज होते हैं।

    उपधारा (2) में कहा गया है कि उन्हीं प्रावधानों के अधीन, बुक नंबर 3 (Book No. 3) और उससे संबंधित सूचकांक में प्रविष्टियों की प्रतियां उन व्यक्तियों को दी जाएंगी जिन्होंने उन दस्तावेजों को निष्पादित किया है जिनसे ऐसी प्रविष्टियां संबंधित हैं, या उनके एजेंटों को। निष्पादकों की मृत्यु के बाद ही (लेकिन उससे पहले नहीं), ऐसी प्रतियों के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतियां दी जाएंगी।

    • उदाहरण: एक वसीयतकर्ता के जीवनकाल में, केवल वही व्यक्ति या उसका एजेंट अपनी वसीयत की प्रति प्राप्त कर सकता है। उसकी मृत्यु के बाद ही कोई अन्य व्यक्ति, जैसे कि निष्पादक, उसकी प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है।

    उपधारा (3) के अनुसार, उन्हीं प्रावधानों के अधीन, बुक नंबर 4 (Book No. 4) और उससे संबंधित सूचकांक में प्रविष्टियों की प्रतियां उन किसी भी व्यक्ति को दी जाएंगी जिन्होंने उन दस्तावेजों को निष्पादित किया है या उनके तहत दावा कर रहे हैं जिनसे ऐसी प्रविष्टियां संबंधित हैं, या उनके एजेंट या प्रतिनिधि को।

    • उदाहरण: यदि आपने अपनी चल संपत्ति से संबंधित कोई दस्तावेज बुक नंबर 4 में दर्ज कराया है, तो आप स्वयं या आपका एजेंट उसकी प्रति प्राप्त कर सकते हैं।

    उपधारा (4) स्पष्ट करती है कि बुक नंबर 3 (Book No. 3) और बुक नंबर 4 (Book No. 4) में प्रविष्टियों के लिए आवश्यक खोज (search) केवल पंजीकरण अधिकारी द्वारा ही की जाएगी। यह वसीयत और जंगम संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए है।

    उपधारा (5) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। इस धारा के तहत दी गई सभी प्रतियां पंजीकरण अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित और मुहरबंद (signed and sealed) की जाएंगी, और वे मूल दस्तावेजों की सामग्री को साबित करने के उद्देश्य से स्वीकार्य (admissible) होंगी। इसका मतलब है कि ये प्रतियां अदालत में सबूत के रूप में वैध हैं।

    58. पंजीकरण के लिए स्वीकार किए गए दस्तावेजों पर पृष्ठांकित किए जाने वाले विवरण (Particulars to be endorsed on documents admitted to registration)

    यह धारा उन विशिष्ट विवरणों को सूचीबद्ध करती है जिन्हें पंजीकरण के लिए स्वीकार किए गए प्रत्येक दस्तावेज पर दर्ज (endorsed) किया जाना चाहिए।

    उपधारा (1) के अनुसार, डिक्री या आदेश की प्रतिलिपि या धारा 89 के तहत भेजे गए प्रतिलिपि के अलावा, पंजीकरण के लिए स्वीकार किए गए प्रत्येक दस्तावेज पर समय-समय पर निम्नलिखित विवरण पृष्ठांकित (endorsed) किए जाएंगे:

    • (a) दस्तावेज़ के निष्पादन को स्वीकार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के हस्ताक्षर (signature) और अतिरिक्त विवरण (addition)। यदि निष्पादन किसी व्यक्ति के प्रतिनिधि, असाइनी या एजेंट द्वारा स्वीकार किया गया है, तो ऐसे प्रतिनिधि, असाइनी या एजेंट के हस्ताक्षर और अतिरिक्त विवरण।

    • (b) इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान के तहत ऐसे दस्तावेज़ के संदर्भ में जांचे गए हर व्यक्ति के हस्ताक्षर और अतिरिक्त विवरण।

    • (c) दस्तावेज़ के निष्पादन के संदर्भ में पंजीकरण अधिकारी की उपस्थिति में किया गया कोई भी धन का भुगतान (payment of money) या सामान की सुपुर्दगी (delivery of goods), और उसके सामने आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिफल की प्राप्ति की कोई भी स्वीकृति (admission of receipt of consideration)।

    उदाहरण: एक बिक्री विलेख पर, पंजीकरण अधिकारी विक्रेता के हस्ताक्षर, खरीदार के हस्ताक्षर, और यह नोट करेगा कि विक्रेता को ₹5 लाख का चेक उसकी उपस्थिति में दिया गया था।

    उपधारा (2) में एक व्यावहारिक नियम दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति जो दस्तावेज़ के निष्पादन को स्वीकार करता है, उस पर पृष्ठांकन करने से इनकार करता है, तो पंजीकरण अधिकारी फिर भी इसे पंजीकृत करेगा, लेकिन साथ ही ऐसे इनकार का एक नोट (note of such refusal) पृष्ठांकित करेगा। यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति के असहयोग के कारण पंजीकरण प्रक्रिया बाधित न हो।

    59. पंजीकरण अधिकारी द्वारा पृष्ठांकनों पर तिथि और हस्ताक्षर (Endorsements to be dated and signed by registering officer)

    यह धारा पृष्ठांकनों (endorsements) के प्रमाणीकरण (authentication) से संबंधित है। पंजीकरण अधिकारी धारा 52 (section 52) और धारा 58 (section 58) के तहत एक ही दस्तावेज़ पर और एक ही दिन उसकी उपस्थिति में किए गए सभी पृष्ठांकनों पर तिथि (date) और अपने हस्ताक्षर (signature) लगाएगा। यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक पृष्ठांकन की तारीख और उसे करने वाले अधिकारी की पहचान स्पष्ट हो, जिससे रिकॉर्ड की सटीकता और प्रामाणिकता बनी रहे।

    ये धाराएँ पंजीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता, सटीकता और कानूनी प्रमाणिकता के लिए एक मजबूत नींव प्रदान करती हैं।

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