वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 47-49 : राज्य बोर्डों का पर्यवेक्षण, विघटन और विलय
Himanshu Mishra
18 Aug 2025 5:04 PM IST

वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अध्याय VII में ऐसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं जो राज्य बोर्डों के कामकाज पर सरकार के नियंत्रण को स्थापित करते हैं, जबकि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास बिना किसी रुकावट के जारी रहें। यह अध्याय राज्य बोर्ड को अधिकार से हटाए जाने (supersession), अन्य कानूनों के तहत गठित बोर्डों के साथ विलय (merger) और शक्तियों के हस्तांतरण (transfer) से संबंधित है।
धारा 47 - राज्य बोर्ड को अधिकृत करने की राज्य सरकार की शक्ति (Power of State Government to supersede State Board)
यह धारा राज्य सरकार को एक राज्य बोर्ड को उसके पद से हटाने (supersede) और नियंत्रण अपने हाथ में लेने की शक्ति देती है यदि बोर्ड ठीक से काम नहीं कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण जांच और संतुलन तंत्र (check and balance mechanism) है जो यह सुनिश्चित करता है कि राज्य बोर्ड जनता के हित में प्रभावी ढंग से कार्य करें।
• अधिकार हटाने के कारण (Reasons for Supersession): राज्य सरकार एक अधिसूचना (notification) द्वारा एक राज्य बोर्ड को अधिकृत कर सकती है यदि वह इस राय की हो कि:
o (a) राज्य बोर्ड ने इस अधिनियम के तहत अपने कार्यों के प्रदर्शन में लगातार चूक (persistently made default) की है, या
o (b) ऐसी परिस्थितियाँ मौजूद हैं जो सार्वजनिक हित (public interest) में ऐसा करना आवश्यक बनाती हैं।
• समय सीमा और प्रक्रिया (Time Limit and Procedure): अधिकृत करने की अवधि छह महीने से अधिक नहीं हो सकती। हालांकि, खंड (a) में उल्लिखित कारणों से अधिकृत करने से पहले, राज्य सरकार को राज्य बोर्ड को एक उचित अवसर (reasonable opportunity) देना होगा कि वह कारण बताए कि उसे पद से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए। सरकार को राज्य बोर्ड के स्पष्टीकरणों और आपत्तियों पर विचार करना होगा।
• अधिकार हटाने के बाद की स्थिति (Status after Supersession): अधिसूचना जारी होने पर:
o सभी सदस्य तुरंत अपने पद से हट जाते हैं।
o राज्य बोर्ड की सभी शक्तियाँ, कार्य और कर्तव्य तब तक ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा प्रयोग, प्रदर्शन या निर्वहन किए जाएंगे जिन्हें राज्य सरकार निर्देशित करे, जब तक कि बोर्ड का पुनर्गठन (reconstituted) नहीं हो जाता।
o बोर्ड की सभी संपत्ति राज्य सरकार में निहित हो जाती है।
• पुनर्गठन (Reconstitution): अधिकृत करने की अवधि समाप्त होने पर, राज्य सरकार अवधि को और छह महीने के लिए बढ़ा सकती है या नए सदस्यों की नियुक्ति के साथ बोर्ड का पुनर्गठन कर सकती है।
उदाहरण: यदि किसी राज्य में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और राज्य सरकार को लगता है कि SPCB आवश्यक कार्रवाई करने में विफल रहा है, तो सरकार SPCB को पद से हटा सकती है और अपने अधिकारियों की एक टीम नियुक्त कर सकती है ताकि वे स्थिति में सुधार के लिए तुरंत कदम उठा सकें।
धारा 48 - जल अधिनियम के तहत गठित बोर्डों के अधिकृत होने के मामले में विशेष प्रावधान (Special provision in case of supersession of Boards constituted under the Water Act)
यह धारा उन मामलों से संबंधित है जहां केंद्रीय बोर्ड (Central Board) या कोई राज्य बोर्ड जो मुख्य रूप से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत गठित किया गया था (और वायु अधिनियम के तहत भी कार्य करता है), को जल अधिनियम के तहत पद से हटा दिया जाता है।
• शक्तियों का हस्तांतरण (Transfer of Powers): ऐसे मामलों में, जल अधिनियम के तहत शक्तियों, कार्यों और कर्तव्यों का प्रयोग करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा ही वायु अधिनियम के तहत बोर्ड की शक्तियों, कार्यों और कर्तव्यों का भी निर्वहन किया जाएगा।
यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि चूंकि कई बोर्ड दोनों अधिनियमों के तहत कार्य करते हैं, इसलिए एक अधिनियम के तहत पद से हटाए जाने पर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास दूसरे अधिनियम के तहत बाधित न हों।
धारा 49 - अधिनियम के तहत गठित राज्य बोर्डों का विघटन (Dissolution of State Boards constituted under the Act)
यह धारा एक विशिष्ट स्थिति को संबोधित करती है जो तब उत्पन्न होती है जब जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974, किसी राज्य में लागू होता है।
• विघटन (Dissolution): जब जल अधिनियम किसी राज्य में लागू होता है और राज्य सरकार उस अधिनियम के तहत एक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board) का गठन करती है, तो इस वायु अधिनियम के तहत गठित मौजूदा राज्य बोर्ड तुरंत विघटित (dissolved) हो जाता है। नया जल अधिनियम बोर्ड तब दोनों अधिनियमों के तहत शक्तियाँ और कार्य करेगा।
• संपत्ति, कर्मचारी और देनदारियों का हस्तांतरण (Transfer of Property, Employees and Liabilities): विघटन पर:
o सभी सदस्य अपने पद खाली कर देते हैं।
o वायु अधिनियम बोर्ड की सभी संपत्ति, धन और फंड नए जल अधिनियम बोर्ड को हस्तांतरित (transferred) हो जाते हैं।
o सभी कर्मचारी नए बोर्ड में स्थानांतरित हो जाते हैं, और वे उसी कार्यकाल, पारिश्रमिक, और सेवा की शर्तों पर काम करना जारी रखते हैं जब तक कि उनमें कोई बदलाव नहीं किया जाता है। हालांकि, राज्य सरकार की पिछली मंजूरी के बिना उनके पारिश्रमिक या सेवा की शर्तों को उनके नुकसान के लिए नहीं बदला जा सकता है।
o वायु अधिनियम बोर्ड की सभी देनदारियां और दायित्व भी नए जल अधिनियम बोर्ड के दायित्व बन जाते हैं।
यह प्रावधान एक सुचारु और कुशल विलय (smooth and efficient merger) सुनिश्चित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास जारी रहें और कर्मचारियों, संपत्ति और देनदारियों को सही ढंग से संभाला जाए।

