वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 40-42 : कंपनियों और सरकारी विभागों द्वारा अपराध, और सद्भाव में की गई कार्रवाई का संरक्षण
Himanshu Mishra
14 Aug 2025 6:53 PM IST

वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 का यह अध्याय स्पष्ट करता है कि जब कोई अपराध किसी कंपनी, फर्म या सरकारी विभाग द्वारा किया जाता है, तो कौन जवाबदेह होगा। यह व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है और अधिकारियों को सद्भाव (good faith) में की गई कार्रवाइयों के लिए सुरक्षा भी प्रदान करता है।
धारा 40 - कंपनियों द्वारा अपराध (Offences by Companies)
यह धारा इस बात को सुनिश्चित करती है कि जब कोई कंपनी या व्यावसायिक संस्था (business entity) अपराध करती है, तो सजा से कोई बच न पाए। कानून कंपनी को सिर्फ एक अमूर्त इकाई (abstract entity) के रूप में नहीं देखता, बल्कि उन व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराता है जो कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं।
• जिम्मेदारी का निर्धारण (Determining Responsibility): उप-धारा (1) के अनुसार, यदि किसी कंपनी द्वारा इस अधिनियम के तहत कोई अपराध किया जाता है, तो उस समय कंपनी के व्यवसाय के संचालन के लिए सीधे तौर पर प्रभारी (directly in charge) और जिम्मेदार (responsible) व्यक्ति और साथ ही कंपनी को भी उस अपराध का दोषी माना जाएगा। इन दोनों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें दंडित किया जा सकता है।
o बचाव का प्रावधान (Proviso for Defense): हालांकि, यदि वह व्यक्ति यह साबित कर देता है कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने अपराध को रोकने के लिए सभी उचित सावधानी (due diligence) बरती थी, तो उसे दंडित नहीं किया जाएगा।
• वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही (Accountability of Senior Officers): उप-धारा (2) यह स्पष्ट करती है कि उप-धारा (1) में कुछ भी होने के बावजूद, यदि यह साबित हो जाता है कि अपराध कंपनी के किसी निदेशक (director), प्रबंधक (manager), सचिव (secretary) या अन्य अधिकारी की सहमति, मिलीभगत (connivance) या लापरवाही (neglect) से हुआ है, तो उस अधिकारी को भी दोषी माना जाएगा और उसे दंडित किया जाएगा।
उदाहरण:
एक रासायनिक फैक्ट्री, जो एक कंपनी द्वारा चलाई जाती है, निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा में वायु प्रदूषक उत्सर्जित करती है।
1. उप-धारा (1) के तहत: इस मामले में, कंपनी के फैक्ट्री प्रबंधक, जो दैनिक संचालन के प्रभारी हैं, और साथ ही कंपनी को भी अपराधी माना जाएगा। यदि प्रबंधक यह साबित कर देता है कि उसने प्रदूषण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया था (जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण उपकरण को ठीक से संचालित करने का निर्देश दिया था) लेकिन यह अपराध उसकी जानकारी के बिना हुआ, तो वह दंड से बच सकता है।
2. उप-धारा (2) के तहत: यदि कंपनी के निदेशक मंडल (Board of Directors) को प्रदूषण के स्तर के बारे में पता था लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें भी दोषी माना जाएगा और दंडित किया जाएगा, भले ही वे दैनिक संचालन में सीधे तौर पर शामिल न हों।
धारा 41 - सरकारी विभागों द्वारा अपराध (Offences by Government Departments)
यह धारा सरकारी विभागों को भी जवाबदेह बनाती है। यह कानून की यह मान्यता है कि कोई भी निकाय, चाहे वह निजी हो या सरकारी, कानून से ऊपर नहीं है।
• जिम्मेदारी का निर्धारण (Determining Responsibility): उप-धारा (1) के अनुसार, यदि सरकार के किसी विभाग द्वारा इस अधिनियम के तहत कोई अपराध किया जाता है, तो विभाग के प्रमुख (Head of the Department) को दोषी माना जाएगा और उसे दंडित किया जाएगा।
o बचाव का प्रावधान (Proviso for Defense): विभाग के प्रमुख को दंड से मुक्त किया जा सकता है यदि वह यह साबित कर दे कि अपराध उसकी जानकारी के बिना हुआ था या उसने अपराध को रोकने के लिए सभी उचित सावधानी बरती थी।
• अन्य अधिकारियों की जवाबदेही (Accountability of Other Officers): उप-धारा (2) यह स्पष्ट करती है कि यदि यह साबित हो जाता है कि अपराध विभाग के किसी अन्य अधिकारी (विभाग के प्रमुख के अलावा) की सहमति, मिलीभगत या लापरवाही से हुआ है, तो उस अधिकारी को भी दोषी माना जाएगा और उसे दंडित किया जाएगा।
उदाहरण:
एक सरकारी थर्मल पावर प्लांट, जो एक सरकारी विभाग द्वारा चलाया जाता है, उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करता है।
1. उप-धारा (1) के तहत: इस मामले में, उस विभाग के प्रमुख को दोषी माना जाएगा। हालांकि, यदि वह यह साबित कर दे कि उसने प्रदूषण नियंत्रण के लिए धन और संसाधनों के उपयोग का निर्देश दिया था, लेकिन निचली-स्तरीय लापरवाही के कारण अपराध हुआ, तो उसे दंडित नहीं किया जाएगा।
2. उप-धारा (2) के तहत: यदि प्लांट के प्रभारी इंजीनियर को प्रदूषण की समस्या के बारे में पता था लेकिन उसने इसे ठीक करने के लिए जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं की, तो उस इंजीनियर को भी दोषी माना जाएगा।
धारा 42 - सद्भाव में की गई कार्रवाई का संरक्षण (Protection of Action Taken in Good Faith)
यह धारा सरकारी अधिकारियों और बोर्ड के कर्मचारियों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है।
• सुरक्षा का दायरा (Scope of Protection): इस अधिनियम या उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसरण में सद्भाव (good faith) में किए गए या किए जाने के इरादे से किए गए किसी भी कार्य के संबंध में सरकार या उसके किसी अधिकारी, या बोर्ड के किसी सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई भी मुकदमा (suit), अभियोजन (prosecution) या अन्य कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी।
उदाहरण:
एक SPCB अधिकारी एक फैक्ट्री का निरीक्षण करता है और प्रदूषण नियंत्रण उपकरण में खराबी पाता है। वह तुरंत धारा 31A के तहत फैक्ट्री को बंद करने का निर्देश जारी करता है।
बाद में, फैक्ट्री का मालिक आरोप लगाता है कि अधिकारी ने दुर्भावना (malice) से काम किया और उसे व्यापार में नुकसान पहुंचाया। यदि अधिकारी यह साबित कर सकता है कि उसने सद्भाव में, अपने कर्तव्यों के अनुसार और फैक्ट्री से आने वाले प्रदूषण के स्पष्ट सबूतों के आधार पर कार्रवाई की थी, तो धारा 42 उसे मालिक द्वारा लाए गए किसी भी मुकदमे से बचाएगी। यह प्रावधान अधिकारियों को डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम बनाता है।

