धारा 3, 4 और 5 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022: भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
Himanshu Mishra
17 Jan 2025 4:39 PM

राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022, एक महत्वपूर्ण कानून है जो राज्य सरकार की परीक्षाओं में अनुचित साधनों (Unfair Means) पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
यह अधिनियम सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies), बोर्ड्स और निगमों में भर्ती परीक्षाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्त नियम और दंड प्रदान करता है। इस लेख में हम इस अधिनियम के प्रावधानों (Provisions), उसके प्रभाव और इसके तहत दिए गए सुरक्षा उपायों (Safeguards) पर चर्चा करेंगे।
अधिनियम का उद्देश्य और दायरा (Purpose and Scope of the Act)
यह अधिनियम उन चिंताओं को दूर करने के लिए लाया गया है, जहां भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक (Question Paper Leakage), छद्मवेश (Impersonation), और अनधिकृत साधनों (Unauthorized Means) के उपयोग जैसी समस्याएं सामने आईं।
सार्वजनिक परीक्षाएं (Public Examinations) एक निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करती हैं। लेकिन यदि परीक्षा प्रणाली में कोई खामी हो, तो इससे जनता का विश्वास खत्म हो सकता है। इस कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी उम्मीदवार समान स्तर पर प्रतियोगिता करें।
"अनुचित साधनों" की परिभाषा (Definition of "Unfair Means")
अधिनियम में "अनुचित साधनों" का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसे मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा गया है:
1. परीक्षार्थी से संबंधित (Examinee Misconduct):
परीक्षार्थी (Examinee) का किसी भी व्यक्ति, समूह या सामग्री (Material) जैसे नोट्स, रिकॉर्डिंग, या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग कर मदद लेना।
2. अन्य व्यक्तियों से संबंधित (Misconduct by Others):
इसमें उन व्यक्तियों के कृत्य शामिल हैं जो परीक्षार्थी की सहायता करते हैं, जैसे प्रश्नपत्र लीक करना, छद्मवेश करना, या अनधिकृत रूप से प्रश्नपत्र सुलझाने में मदद करना।
सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का निषेध (Prohibition of Unfair Means in Public Examinations)
धारा 3 (Section 3) में सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग पर सख्त रोक लगाई गई है। यह निषेध परीक्षार्थी और अन्य सभी व्यक्तियों पर लागू होता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई परीक्षार्थी छुपा हुआ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic Device) का उपयोग करता है, तो यह धारा का उल्लंघन होगा। इसी प्रकार, यदि परीक्षा हॉल के बाहर कोई व्यक्ति संचार उपकरणों (Communication Devices) के माध्यम से उत्तर प्रदान करता है, तो वह भी दोषी होगा।
प्रश्नपत्र लीक को रोकने के उपाय (Measures to Prevent Question Paper Leakage)
अधिनियम के प्रावधान धारा 4 और 5 में प्रश्नपत्रों के लीक होने को रोकने के लिए विशेष रूप से नियम बनाए गए हैं। ये प्रावधान परीक्षा सामग्री संभालने वाले व्यक्तियों की जिम्मेदारियों को निर्धारित करते हैं।
प्रश्नपत्र का स्वामित्व और उसका प्रकटीकरण (Possession and Disclosure of Question Papers)
धारा 4 (Section 4) के अनुसार, प्रश्नपत्र का अनधिकृत स्वामित्व (Unauthorized Possession), प्रकटीकरण (Disclosure) या लीक करने का प्रयास सख्त वर्जित है।
उदाहरण के लिए, यदि प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा किया जाता है, तो यह धारा का उल्लंघन होगा।
परीक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी (Responsibilities of Examination Officials)
धारा 5 में कहा गया है कि परीक्षा कार्य में लगे व्यक्ति परीक्षा से जुड़ी किसी भी गोपनीय जानकारी (Confidential Information) का खुलासा नहीं कर सकते। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि परीक्षा की गोपनीयता (Confidentiality) को बनाए रखा जाए।
अनधिकृत स्वामित्व और प्रकटीकरण (Unauthorized Possession and Disclosure)
धारा 6 (Section 6) उन व्यक्तियों को लक्षित करता है जो परीक्षा सामग्री जैसे प्रश्नपत्र, उत्तर पुस्तिका (Answer Sheet) या OMR शीट का अनधिकृत स्वामित्व प्राप्त करने या वितरित करने का प्रयास करते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति प्रश्नपत्र को चोरी से प्राप्त करता है और उसे परीक्षार्थी के साथ साझा करता है, तो वह दोषी होगा। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति प्रश्नपत्र के बारे में जानकारी बेचने की पेशकश करता है, तो यह भी अपराध होगा।
कानूनी और दंडात्मक उपाय (Legal and Punitive Measures)
अधिनियम में उल्लंघन के लिए सख्त दंड (Strict Penalties) का प्रावधान है। दंड का स्वरूप अपराध की गंभीरता पर निर्भर करता है, जिसमें जुर्माना (Fine), कारावास (Imprisonment), या दोनों शामिल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई संगठित समूह (Organized Group) प्रश्नपत्र लीक करने की साजिश करता है, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और दीर्घकालिक कारावास दिया जा सकता है।
एक उदाहरण: अनधिकृत सहायता का मामला (Illustrative Scenario: A Case of Unauthorized Assistance)
मान लीजिए कि एक परीक्षार्थी स्मार्टवॉच (Smartwatch) के माध्यम से परीक्षा हॉल के बाहर बैठे व्यक्ति से उत्तर प्राप्त करता है।
1. परीक्षार्थी धारा 3 का उल्लंघन करता है।
2. स्मार्टवॉच के माध्यम से मदद देने वाला व्यक्ति धारा 6 का उल्लंघन करता है।
3. यदि स्मार्टवॉच में परीक्षा से संबंधित सामग्री पहले से लोड है, तो यह धारा 2(f) के तहत भी अपराध है।
यह अधिनियम दोनों व्यक्तियों को दंडित करने का प्रावधान करता है।
परीक्षा प्रक्रिया पर प्रभाव (Implications for Examination Conduct)
अधिनियम के लागू होने के बाद परीक्षा प्रक्रिया में कई बदलाव देखे गए हैं। परीक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नियमों का पालन हो। इसके लिए:
• परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
• परीक्षा सामग्री संभालने वाले व्यक्तियों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी।
• कानून तोड़ने पर दंड की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
निष्पक्ष भर्ती की ओर एक कदम (Conclusion: A Step Toward Fair Recruitment)
राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022, एक पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अधिनियम स्पष्ट संदेश देता है कि अब परीक्षा प्रणाली में धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी हितधारकों (Stakeholders) के सहयोग से इस कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है, जिससे राजस्थान में एक निष्पक्ष और भ्रष्टाचार-मुक्त भर्ती प्रणाली का सपना साकार होगा।