धारा 295, 296 और 297 भारतीय न्याय संहिता, 2023: अश्लीलता और अनधिकृत लॉटरी के प्रावधान
Himanshu Mishra
9 Nov 2024 5:34 PM IST
भारतीय न्याय संहिता, 2023 ने भारतीय दंड संहिता को बदलते हुए नए कानूनी प्रावधान पेश किए हैं, जिसमें अश्लीलता और अवैध (Unauthorized) लॉटरी से जुड़े अपराधों के लिए दंड शामिल हैं। धारा 295, 296 और 297 में इन विशेष कार्यों को गैरकानूनी (Illegal) घोषित किया गया है।
हर धारा में अपराध की परिभाषा (Definition), प्रतिबंधित (Prohibited) कार्यों का विवरण और उन पर लगाए जाने वाले दंड का वर्णन (Description) है। यहां इन धाराओं को सरल शब्दों में समझाने के लिए उदाहरण (Example) भी दिए गए हैं, ताकि हर पहलू आसानी से समझा जा सके।
धारा 295: बच्चों को अश्लील सामग्री (Obscene Material) देना
धारा 295 का उद्देश्य बच्चों को अश्लील सामग्री से बचाना है। इस धारा के तहत, जो भी व्यक्ति किसी बच्चे को कोई अश्लील सामग्री बेचता है, किराए पर देता है, वितरित करता है, प्रदर्शित करता है या प्रचारित करता है, वह अपराध करता है।
यहां "अश्लील सामग्री" की परिभाषा धारा 294 में दी गई है, जिसमें किताबें, चित्र, पेंटिंग, डिजिटल (Digital) सामग्री, या ऐसी अन्य वस्तुएं शामिल हैं, जो कामुक रुचि (Prurient Interest) को उभारती हैं या दूसरों को प्रभावित करती हैं।
किसी बच्चे को ऐसी सामग्री बेचना, वितरित करना या देने का प्रयास करना, भले ही वह सफल न हो, धारा 295 के तहत अपराध है। यह धारा बच्चों को संभावित हानिकारक प्रभावों से बचाने पर विशेष ध्यान देती है।
पहली बार अपराध के लिए, दोषी को तीन साल तक की कैद और दो हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार अपराध करने पर, सात साल तक की सजा और पांच हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
उदाहरण: मान लीजिए कि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी नाबालिग को अश्लील चित्रों वाली एक पत्रिका बेचता है। यदि वह व्यक्ति केवल बेचने की पेशकश ही करता है, तो भी यह धारा 295 के तहत दंडनीय है, क्योंकि इसका उद्देश्य बच्चों को ऐसे नकारात्मक प्रभावों से दूर रखना है।
धारा 296: सार्वजनिक स्थानों (Public Places) में अश्लील कार्य या गीत
धारा 296 सार्वजनिक स्थानों में अश्लीलता से संबंधित है। इसमें दो प्रकार के व्यवहारों पर ध्यान दिया गया है: सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कार्य करना और सार्वजनिक स्थान में अश्लील गीत, कविता या शब्द बोलना या गाना। इसका उद्देश्य सार्वजनिक असुविधा या परेशानी को रोकना है, ताकि सार्वजनिक स्थान सुरक्षित और आरामदायक रहें।
इस धारा में "अश्लील कार्य" में ऐसे हावभाव (Gestures) या क्रियाएं (Actions) शामिल हो सकती हैं जो अनुचित या आक्रामक होती हैं। इसी तरह, "अश्लील गीत" या "कविता" का अर्थ उन शब्दों या गीतों से है जो अशिष्ट या आपत्तिजनक (Offensive) होते हैं। यदि यह व्यवहार आसपास के लोगों को परेशानी का कारण बनता है, तो इसे धारा 296 के तहत अपराध माना जाता है।
इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन महीने तक की जेल, एक हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति किसी पार्क में, जहाँ परिवार और बच्चे भी उपस्थित हैं, आपत्तिजनक या अश्लील गीत गाने लगता है, जिससे लोगों को असुविधा होती है, तो यह धारा 296 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति बस स्टॉप जैसे सार्वजनिक स्थान पर अशोभनीय इशारे करता है, तो यह भी अपराध की श्रेणी में आएगा।
धारा 297: अनधिकृत लॉटरी का निषेध (Prohibition)
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 297 अनधिकृत लॉटरी के संचालन और प्रचार से संबंधित है। यह धारा दो हिस्सों में विभाजित है: अनधिकृत लॉटरी कार्यालयों का संचालन रोकना और ऐसे लॉटरी का विज्ञापन (Advertisement) या प्रचार करना। केवल राज्य द्वारा स्वीकृत (Authorized) लॉटरी को ही वैध माना गया है।
धारा 297 का पहला भाग गैरकानूनी लॉटरी संचालित करने के लिए कार्यालय खोलने या किसी स्थान को इस्तेमाल करने को अपराध मानता है। अनधिकृत लॉटरी को एक प्रकार की जुआ (Gambling) गतिविधि माना जाता है जो आर्थिक हानि (Financial Harm) और सार्वजनिक व्यवस्था (Public Order) में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
इस प्रकार का संचालन करने पर छह महीने तक की जेल, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। इस नियम का उद्देश्य लोगों को ऐसी अव्यवस्थित लॉटरी योजनाओं से दूर रखना है जो आर्थिक हानि या धोखाधड़ी (Fraud) का कारण बन सकती हैं।
धारा 297 का दूसरा भाग अनधिकृत लॉटरी का प्रचार या विज्ञापन करने पर ध्यान देता है। इसके अंतर्गत ऐसी योजनाओं का प्रचार या विज्ञापन करना अपराध है जो पुरस्कार, सामान या किसी लाभ का वादा करते हैं।
इस तरह के प्रचार को अपराध के रूप में देखा जाता है, और दोषी पाए जाने पर पाँच हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसका उद्देश्य जनता को गलत सूचना और आर्थिक शोषण (Exploitation) से बचाना है।
उदाहरण: मान लीजिए कोई व्यक्ति राज्य की अनुमति के बिना लॉटरी टिकट बेचने के लिए एक छोटा कार्यालय खोलता है और लोगों को आकर्षित करने के लिए बड़े पुरस्कारों का लालच देता है। इस तरह का संचालन धारा 297(1) के तहत अवैध माना जाएगा। साथ ही, अगर कोई अखबार या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म इस लॉटरी का विज्ञापन करता है, तो वह भी धारा 297(2) के तहत दंडनीय होगा।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 295, 296 और 297 अश्लीलता और अनधिकृत जुआ गतिविधियों से जुड़े विभिन्न अपराधों को संबोधित करती हैं। धारा 295 बच्चों को अश्लील सामग्री से सुरक्षित रखने के लिए सख्त दंड का प्रावधान करती है।
धारा 296 सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कार्यों और गीतों को रोककर सभी के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। धारा 297 अवैध लॉटरी के संचालन और प्रचार को रोकने के लिए सख्त प्रावधान करती है ताकि जनता आर्थिक शोषण से बची रहे।
इन कानूनों के माध्यम से, भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर शांति बनाए रखना, कमजोर व्यक्तियों को संरक्षित करना और समाज में नैतिकता (Morality) और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।