राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 124 से 129 : सीमाओं से जुड़े विवादों का समाधान तथा सीमाचिन्हों के रखरखाव की जिम्मेदारी

Himanshu Mishra

28 May 2025 5:15 PM IST

  • राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 124 से 129 : सीमाओं से जुड़े विवादों का समाधान तथा सीमाचिन्हों के रखरखाव की जिम्मेदारी

    धारा 124: किराए या लगान को लेकर विवाद की स्थिति में प्रक्रिया

    राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 124 के अनुसार, यदि किसी भूमि का किराया या लगान कितना देना है, इसको लेकर कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो ऐसे मामलों में भूमि अभिलेख अधिकारी उस विवाद का निपटारा स्वयं नहीं करेगा।

    इसके स्थान पर, वह उस वर्ष के लिए, जिसमें अधिकार अभिलेख तैयार किया जा रहा हो, पिछले वर्ष की दर पर किराया या लगान दर्ज करेगा। यदि किसी न्यायिक आदेश, निर्णय, या वैध समझौते के तहत किराया या लगान घटाया या बढ़ाया गया हो, तो उस परिवर्तन को ध्यान में रखा जाएगा।

    उदाहरण के लिए, यदि पिछले वर्ष किसान रामलाल 1000 रुपये वार्षिक किराया देता था और वर्तमान वर्ष में कोई समझौता नहीं हुआ है, तो रिकॉर्ड में वही 1000 रुपये दर्ज किए जाएंगे।

    धारा 126: पूर्ववर्ती अभिलेख प्रभावी माने जाएंगे

    जब तक कि धारा 112 के अंतर्गत नया नक्शा और फील्ड बुक तैयार नहीं कर ली जाती या धारा 114 के अंतर्गत नया अधिकार अभिलेख नहीं बन जाता, तब तक वर्तमान में उपलब्ध नक्शा, फील्ड बुक और अधिकार अभिलेख को ही संबंधित क्षेत्र का वैध अभिलेख माना जाएगा।

    यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि पुराने दस्तावेजों के आधार पर प्रशासनिक और राजस्व संबंधी कामों में कोई बाधा न आए। उदाहरण के लिए, अगर किसी गांव में अभी नया सर्वेक्षण नहीं हुआ है, तो पुराने रिकॉर्ड को ही कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त रहेगी।

    धारा 127: सर्वेक्षण और अभिलेख कार्यों के बंद होने पर लंबित कार्यवाही

    जब किसी क्षेत्र में सर्वेक्षण और अभिलेख कार्य समाप्त हो जाते हैं और धारा 106 या 107 के अंतर्गत अधिसूचना जारी कर दी जाती है, तो उस समय तक भूमि अभिलेख अधिकारी (यदि वह अस्थायी नियुक्त है) के पास लंबित सभी आवेदन और कार्यवाही को कलेक्टर को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि कोई कार्यवाही अधूरी न रह जाए और प्रशासनिक निरंतरता बनी रहे।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी किसान ने खसरा नंबर बदलने का आवेदन दिया है और अधिकारी की नियुक्ति अस्थायी थी, तो वह मामला अब जिला कलेक्टर के अधीन चला जाएगा।

    धारा 128: सीमाओं से संबंधित विवाद

    सीमाओं से संबंधित सभी विवादों का निपटारा भूमि अभिलेख अधिकारी द्वारा उसी प्रकार किया जाएगा जैसा कि धारा 111 में वर्णित है। हालांकि, इस धारा में यह अतिरिक्त प्रावधान भी जोड़ा गया है कि यदि किसी खेत की सीमा को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन उचित सीमा चिन्ह न होने की वजह से भविष्य में विवाद की संभावना हो, तो तहसीलदार के पास आवेदन दिया जा सकता है और वह इस मामले का निपटारा कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि रामलाल और श्यामलाल के खेतों के बीच कोई झगड़ा नहीं है, पर दोनों की जमीन के बीच सीमाचिन्ह नहीं है, तो तहसीलदार को आवेदन देकर उसे चिन्हित कराया जा सकता है।

    धारा 129: सीमा चिन्हों को लेकर भू-धारकों का उत्तरदायित्व

    इस धारा के अनुसार, सभी गांव, संपत्ति या खेतों के धारकों को अपने-अपने क्षेत्रों में बने वैध सीमा चिन्हों की मरम्मत और रखरखाव स्वयं अपने खर्च पर करना अनिवार्य है।

    भूमि अभिलेख अधिकारी, किसी भी समय, इन धारकों को निर्देश दे सकता है कि वे उचित सीमा चिन्ह लगाएं या पहले से लगे चिन्हों की मरम्मत करें। यदि धारक यह कार्य तीस दिन के भीतर नहीं करते, तो अधिकारी स्वयं यह कार्य करवा सकता है और उससे संबंधित व्यय की वसूली संबंधित धारकों से कर सकता है।

    इस धारा के तीसरे उपखंड में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि यदि खेत की सीमा को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन चिन्ह स्पष्ट नहीं हैं, तो तहसीलदार के पास आवेदन देकर सीमांकन करवाया जा सकता है।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए दो किसानों के खेतों के बीच पुराना पत्थर चिन्ह मिट गया है, और दोनों आपसी सहमति से मानते हैं कि सीमा यही थी, तो तहसीलदार को आवेदन देकर फिर से चिन्ह स्थापित करवाया जा सकता है।

    धारा 124 से 129 तक की व्यवस्थाएं राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम, 1956 में भूमि अधिकार, किराया, सीमांकन और विवादों के त्वरित और प्रभावी समाधान के लिए बनाई गई हैं। ये

    धाराएं यह सुनिश्चित करती हैं कि राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहे, विवादों का समय पर समाधान हो और किसी भी भूमि के संबंध में रिकॉर्ड की स्थिति स्पष्ट हो। इसके साथ ही भू-धारकों को भी उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का ज्ञान होता है, जिससे भूमि उपयोग व्यवस्था सुचारु रहती है।

    Next Story