जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 12 से 16 : राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और संरचना
Himanshu Mishra
4 Sept 2025 9:07 PM IST

जैव विविधता अधिनियम, 2002 भारत में जैव संसाधनों के संरक्षण, टिकाऊ उपयोग और लाभ-साझाकरण के लिए एक मजबूत कानूनी ढाँचा स्थापित करता है। इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) की स्थापना की गई थी।
अधिनियम की धारा 12 से 16 तक, इस प्राधिकरण के आंतरिक कामकाज, बैठकों के संचालन, समितियों के गठन, अधिकारियों की नियुक्ति और शक्तियों के प्रत्यायोजन (Delegation of Powers) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधानों का विवरण दिया गया है। ये धाराएँ सुनिश्चित करती हैं कि NBA एक पारदर्शी, जवाबदेह और कुशल तरीके से कार्य कर सके।
धारा 12: राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की बैठकें (Meetings of National Biodiversity Authority)
धारा 12 NBA की बैठकों के संचालन के लिए विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित करती है। इसमें कहा गया है कि NBA को समय-समय पर और ऐसे स्थान पर मिलना चाहिए जो निर्धारित नियमों के अनुसार हो, और उसे बैठकों में काम-काज के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें Quorum (बैठक के लिए आवश्यक सदस्यों की न्यूनतम संख्या) भी शामिल है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि प्राधिकरण के निर्णय लेने की प्रक्रिया व्यवस्थित और कुशल हो।
बैठकों की अध्यक्षता (Presiding over the meetings) NBA के Chairperson द्वारा की जाती है। यदि किसी कारणवश Chairperson किसी बैठक में उपस्थित नहीं हो पाते हैं, तो उपस्थित सदस्यों में से किसी एक को Chairperson के रूप में चुना जा सकता है जो उस बैठक की अध्यक्षता करेगा। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि Chairperson की अनुपस्थिति में भी NBA का कार्य बाधित न हो।
सभी निर्णय सदस्यों के बहुमत वोटों से लिए जाते हैं। यदि वोटों की संख्या बराबर होती है, तो Chairperson या उनकी अनुपस्थिति में presiding सदस्य को एक दूसरा या निर्णायक वोट (Casting Vote) डालने का अधिकार होता है। यह व्यवस्था निर्णय लेने की प्रक्रिया में किसी भी गतिरोध (Deadlock) को टालती है।
पारदर्शिता और नैतिक आचरण (Ethical Conduct) सुनिश्चित करने के लिए, धारा 12 का उप-खंड (5) एक महत्वपूर्ण नियम पेश करता है: यदि कोई सदस्य किसी ऐसे मामले से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित है जिस पर बैठक में निर्णय लिया जाना है, तो उसे अपनी रुचि या संबंध का खुलासा करना होगा। इस खुलासे के बाद, संबंधित सदस्य को उस बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। यह प्रावधान हितों के टकराव (Conflict of Interest) को रोकता है और प्राधिकरण के फैसलों की अखंडता (Integrity) को बनाए रखता है।
अधिनियम यह भी स्पष्ट करता है कि कुछ खास परिस्थितियों में NBA के किसी भी कार्य या कार्यवाही को अमान्य (Invalidated) नहीं माना जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि प्राधिकरण में कोई रिक्ति (Vacancy) या उसके गठन में कोई दोष है, या यदि किसी सदस्य की नियुक्ति में कोई दोष है, या प्रक्रिया में कोई अनियमितता (Irregularity) है जो मामले के गुणों (Merits of the case) को प्रभावित नहीं करती है, तो भी लिए गए निर्णय वैध माने जाएंगे। यह प्रावधान NBA के कामकाज को कानूनी चुनौतियों से बचाता है और इसकी निरंतरता सुनिश्चित करता है।
धारा 13: राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की समितियाँ (Committees of the National Biodiversity Authority)
धारा 13 NBA को अपनी जिम्मेदारियों के कुशल निर्वहन के लिए समितियाँ (Committees) गठित करने का अधिकार देती है। यह विशेष रूप से उल्लेख करती है कि NBA कृषि-जैव विविधता (agro-biodiversity) से संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक समिति का गठन कर सकता है।
यहाँ "कृषि-जैव विविधता" का मतलब कृषि से संबंधित प्रजातियों और उनके जंगली रिश्तेदारों (Wild Relatives) की जैविक विविधता से है। यह प्रावधान यह दिखाता है कि अधिनियम केवल प्राकृतिक जैव विविधता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कृषि से संबंधित जैव विविधता के महत्व को भी पहचानता है।
इसके अलावा, NBA अपने कर्तव्यों और कार्यों के कुशल निर्वहन के लिए जितनी भी समितियाँ उचित समझे, उनका गठन कर सकता है। इन समितियों को ऐसे व्यक्तियों को सह-चयन (Co-opt) करने का अधिकार होता है जो NBA के सदस्य नहीं हैं। सह-चयनित सदस्यों को समिति की बैठकों में भाग लेने और कार्यवाही में हिस्सा लेने का अधिकार होता है, लेकिन उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होता है।
यह नियम विशेषज्ञों को शामिल करने में लचीलापन (Flexibility) प्रदान करता है, ताकि NBA विशेष मामलों पर विशेषज्ञ सलाह (Expert Advice) ले सके, जबकि निर्णय लेने का अधिकार केवल सदस्यों के पास ही रहता है।
धारा 14: राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी (Officers and Employees)
धारा 14 NBA को अपने कार्यों के कुशल निर्वहन के लिए अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति करने की शक्ति देती है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा की शर्तें और नियम Regulations द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि NBA के पास अपने प्रशासनिक और तकनीकी कार्यों को करने के लिए आवश्यक मानव संसाधन (Human Resources) हों।
धारा 15: आदेशों और निर्णयों का प्रमाणीकरण (Authentication of Orders and Decisions)
NBA द्वारा लिए गए सभी आदेशों और निर्णयों के प्रमाणीकरण (Authentication) की प्रक्रिया को धारा 15 में समझाया गया है। NBA के सभी आदेश और निर्णय Chairperson या Member-Secretary या किसी अन्य सदस्य के हस्ताक्षर द्वारा प्रमाणित किए जाएंगे, जिसे इस उद्देश्य के लिए प्राधिकरण द्वारा अधिकृत (Authorized) किया गया है।
NBA द्वारा निष्पादित (Executed) अन्य सभी दस्तावेजों पर Member-Secretary या किसी अन्य अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि NBA के सभी कानूनी कार्य और निर्णय वैध और आधिकारिक हों।
धारा 16: शक्तियों का प्रत्यायोजन (Delegation of Powers)
अधिनियम की धारा 16 NBA को अपनी कुछ शक्तियों और कार्यों को किसी सदस्य, Member-Secretary, अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्यायोजित (Delegate) करने की शक्ति देती है। यह प्रत्यायोजन सामान्य या विशेष आदेश द्वारा और कुछ शर्तों के अधीन किया जा सकता है। यह प्रावधान NBA को अपने कामकाज में दक्षता (Efficiency) और लचीलापन लाने में मदद करता है।
हालांकि, यह स्पष्ट रूप से दो महत्वपूर्ण शक्तियों को प्रत्यायोजन से बाहर रखता है: धारा 50 के तहत अपील करने की शक्ति (Power to prefer an appeal) और धारा 64 के तहत Regulations बनाने की शक्ति (Power to make regulations)। यह सुनिश्चित करता है कि सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम निर्णय लेने की शक्तियाँ स्वयं प्राधिकरण के पास ही रहें।
संक्षेप में, धारा 12 से 16 तक NBA की आंतरिक संरचना और कामकाज को नियंत्रित करती हैं, जिससे यह भारत में जैव विविधता संरक्षण के लिए एक प्रभावी और जवाबदेह नियामक निकाय (Regulatory Body) के रूप में कार्य कर सके।

