सेक्शन 12, 16 और 17 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022
Himanshu Mishra
18 Jan 2025 11:44 AM

राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित तरीकों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022 का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
इसमें संपत्ति कुर्की (Attachment) और जब्ती (Confiscation) के प्रावधानों के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया के लिए नामित न्यायालयों (Designated Courts) की भूमिका का उल्लेख किया गया है। इस लेख में अधिनियम के सेक्शन 12, 16 और 17 का सरल हिंदी में विवरण दिया गया है।
सेक्शन 12: संपत्ति की कुर्की और जब्ती
संपत्ति कुर्की और जब्ती का उद्देश्य
सेक्शन 12 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति अनुचित तरीकों से अर्जित की गई संपत्ति का लाभ न उठा सके। यह प्रावधान अपराधियों को आर्थिक लाभ से वंचित करता है और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
अपराध से प्राप्त संपत्ति रखना अवैध है
धारा 12(1) के तहत, कोई भी व्यक्ति, जिसने इस अधिनियम के तहत अपराध से लाभ प्राप्त किया है, वह उस संपत्ति को अपने पास नहीं रख सकता।
उदाहरण:
अगर कोई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करके पैसे कमाता है, तो वह उन पैसों को कानूनी रूप से अपने पास नहीं रख सकता।
संपत्ति की जब्ती और कुर्की का अधिकार
धारा 12(2) के अनुसार, जांच अधिकारी को यह अधिकार है कि वह अपराध से जुड़ी संपत्ति को जब्त (Seize) या कुर्क (Attach) कर सके।
1. लिखित अनुमति आवश्यक: यह कार्रवाई राज्य सरकार की लिखित अनुमति के बाद ही की जा सकती है।
2. चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल: जब्ती में चल संपत्ति (Cash, Jewelry) और अचल संपत्ति (Land, Buildings) दोनों शामिल हो सकती हैं।
3. कुर्की का आदेश: अगर संपत्ति को जब्त करना संभव नहीं हो, तो अधिकारी कुर्की का आदेश जारी कर सकता है, जिसमें यह कहा जाएगा कि संपत्ति को अधिकारी या नामित न्यायालय की अनुमति के बिना बेचा या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
उदाहरण:
अगर कोई व्यक्ति पेपर लीक से कमाए पैसे से जमीन खरीदता है, तो उस जमीन पर कुर्की का आदेश जारी किया जा सकता है।
न्यायालय को सूचना देना
धारा 12(3) के अनुसार, संपत्ति की जब्ती या कुर्की के 48 घंटों के भीतर, जांच अधिकारी को नामित न्यायालय को इस कार्रवाई की सूचना देनी होगी। यह प्रावधान जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
न्यायालय का निर्णय
धारा 12(4) न्यायालय को यह अधिकार देता है कि वह कुर्की या जब्ती के आदेश की पुष्टि (Confirm) या रद्द (Revoke) कर सकता है।
न्यायालय का फैसला लेने से पहले सुनवाई का मौका: न्यायालय फैसला लेने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अवसर देगा।
उदाहरण:
अगर किसी व्यक्ति का बैंक खाता फ्रीज किया गया है, तो वह न्यायालय में सबूत पेश करके साबित कर सकता है कि पैसे वैध हैं।
संपत्ति की जब्ती
धारा 12(5) के अनुसार, यदि आरोपी दोषी साबित होता है, तो न्यायालय उसकी संपत्ति को जब्त कर सकता है। जब्ती के बाद संपत्ति सरकार की हो जाती है।
अपराध से प्राप्त संपत्ति" की परिभाषा:
इस सेक्शन के अनुसार, "अपराध से प्राप्त संपत्ति" में वह सभी चीजें शामिल हैं जो अपराध से अर्जित की गई हैं। इसमें नकद राशि (Cash) और ऐसी संपत्ति शामिल है, चाहे वह किसी के नाम पर हो या किसी के कब्जे में।
सेक्शन 16: नामित न्यायालय द्वारा मामलों की सुनवाई
धारा 16 के तहत, इस अधिनियम के तहत होने वाले अपराधों की सुनवाई केवल नामित न्यायालयों (Designated Courts) में होगी। यह प्रावधान अन्य कानूनों, जैसे कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973), को प्रभावहीन बनाता है।
महत्त्व:
1. विशेष सुनवाई: नामित न्यायालय केवल भर्ती प्रक्रिया से जुड़े मामलों को सुनेंगे।
2. जल्द निपटान: यह व्यवस्था मामलों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करती है।
उदाहरण:
राजस्थान में अगर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला होता है, तो इसे सामान्य अदालत में नहीं, बल्कि नामित न्यायालय में सुना जाएगा।
सेक्शन 17: नामित न्यायालयों की नियुक्ति
धारा 17 के तहत, राज्य सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह नामित न्यायालयों की नियुक्ति करे।
1. राज्य सरकार की अधिसूचना: राज्य सरकार, राजपत्र (Official Gazette) में अधिसूचना जारी करके नामित न्यायालयों की घोषणा कर सकती है।
2. मुख्य न्यायाधीश से परामर्श: इन न्यायालयों की नियुक्ति राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके की जाएगी।
महत्त्व:
• इन न्यायालयों में मामलों को विशेष ध्यान और विशेषज्ञता के साथ सुना जाता है।
• इससे न्यायिक प्रक्रिया तेज और प्रभावी बनती है।
इन प्रावधानों का सामूहिक प्रभाव
धारा 12, 16 और 17 मिलकर इस अधिनियम को मजबूत बनाती हैं। संपत्ति की कुर्की और जब्ती के प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि अपराधी अपने गलत कार्यों से अर्जित संपत्ति का लाभ न उठा सकें। वहीं, नामित न्यायालय मामलों को तेजी और विशेषज्ञता के साथ निपटाते हैं।
व्यावहारिक दृष्टांत
पूरा प्रक्रिया का उदाहरण:
मान लीजिए कि राजस्थान में एक भर्ती परीक्षा के दौरान अनुचित तरीके से पेपर लीक किया जाता है।
1. जांच अधिकारी को पता चलता है कि अपराधी ने इस अपराध से बड़ी रकम कमाई है।
2. राज्य सरकार की अनुमति से अधिकारी उस संपत्ति को कुर्क करता है।
3. 48 घंटों के भीतर, अधिकारी न्यायालय को इस कार्रवाई की सूचना देता है।
4. न्यायालय व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देता है।
5. दोष सिद्ध होने पर संपत्ति जब्त कर ली जाती है और सरकार की हो जाती है।
6. पूरा मामला नामित न्यायालय में तेजी से निपटाया जाता है।
राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित तरीकों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022 भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
धारा 12, 16 और 17 अपराधियों को आर्थिक लाभ से वंचित करती हैं और न्यायिक प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाती हैं। यह अधिनियम राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की शुचिता (Integrity) बनाए रखने में एक मजबूत भूमिका निभाता है।