धारा 10, 11 ,13, 14 और 15 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022

Himanshu Mishra

18 Jan 2025 11:48 AM

  • धारा 10, 11 ,13, 14 और 15 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022

    राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022, भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों (Unfair Means) को रोकने और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट ढांचा प्रदान करता है। यह कानून कड़ी सज़ा, जवाबदेही, और जाँच की प्रक्रिया पर जोर देता है, ताकि परीक्षा की गरिमा और विश्वास बहाल किया जा सके।

    अनुचित साधनों पर सज़ा (Penalties for Unfair Means)

    धारा 10(1) के तहत, जो परीक्षार्थी अनुचित साधनों का उपयोग करते हैं, उन्हें तीन साल तक की जेल और न्यूनतम एक लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। यदि यह जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो नौ महीने की अतिरिक्त जेल होगी।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान अवैध इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (Unauthorized Electronic Devices) का उपयोग करता है, तो यह अधिनियम की परिभाषा के तहत अनुचित साधनों में आता है। इस सज़ा का उद्देश्य परीक्षार्थियों को नैतिक मानकों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है।

    षड्यंत्र और गड़बड़ी पर कठोर दंड (Severe Punishments for Conspiracies and Malpractices)

    धारा 10(2) उन व्यक्तियों और समूहों पर लागू होती है जो किसी भी प्रकार की गड़बड़ी में शामिल होते हैं, चाहे वे परीक्षा आयोजन में सीधे जुड़े हों या नहीं। इस अधिनियम के तहत, पांच से दस साल तक की जेल और दस लाख से दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माना न चुकाने पर दो साल की अतिरिक्त जेल होगी।

    उदाहरण के तौर पर, यदि कोई समूह प्रश्न पत्र लीक करने की साजिश रचता है, तो इसमें शामिल सभी व्यक्तियों पर यह प्रावधान लागू होगा। इस सज़ा से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष रखा जाए।

    परीक्षाओं से प्रतिबंध (Debarment from Future Examinations)

    धारा 11 के तहत, जो परीक्षार्थी इस अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करते हुए दोषी पाए जाते हैं, उन्हें दो साल तक किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति परीक्षा में दूसरों की नकल कराने में शामिल पाया जाता है, तो उसे न केवल सज़ा मिलेगी बल्कि भविष्य में परीक्षा देने से भी रोका जाएगा।

    संस्थानों की जिम्मेदारी और खर्च वहन (Institutional Accountability and Cost Recovery)

    धारा 13 के तहत, जो संस्थान (Institution) अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाते हैं, उन्हें परीक्षा से संबंधित सभी खर्च वहन करने होंगे। इसके अलावा, ऐसे संस्थानों को स्थायी रूप से परीक्षा आयोजित करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

    उदाहरणस्वरूप, यदि कोई कोचिंग सेंटर प्रश्न पत्र लीक करने में शामिल पाया जाता है, तो उसे फिर से परीक्षा आयोजित करने का खर्च उठाना होगा। यह प्रावधान संस्थानों को परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए बाध्य करता है।

    अपराध की गंभीर प्रकृति (Cognizable, Non-Bailable, and Non-Compoundable Offenses)

    धारा 14 के अनुसार, इस अधिनियम के तहत सभी अपराध संज्ञेय (Cognizable), गैर-जमानती (Non-Bailable) और गैर-समझौता योग्य (Non-Compoundable) हैं।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों को रिश्वत देने की कोशिश करता है, तो पुलिस बिना वारंट के उसे गिरफ्तार कर सकती है। साथ ही, ऐसे मामलों में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

    जाँच के मानक और प्राधिकरण (Investigation Standards and Authorities)

    धारा 15 के तहत, केवल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (Additional Superintendent of Police) के पद से ऊपर का अधिकारी इस अधिनियम के तहत अपराधों की जाँच कर सकता है।

    उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बड़े पैमाने पर प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आता है, तो इसकी जाँच वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। यह सुनिश्चित करता है कि मामले की निष्पक्ष और पूरी जाँच हो।

    निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली की ओर एक कदम

    यह अधिनियम राजस्थान में भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल अनुचित साधनों पर रोक लगेगी बल्कि प्रतिभा और परिश्रम को प्राथमिकता मिलेगी।

    सरकार ने यह सख्त कानून उन सभी परीक्षार्थियों और संस्थानों को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए बनाया है जो गड़बड़ियों में शामिल होते हैं। यह कानून केवल दंड का प्रावधान नहीं करता, बल्कि निष्पक्षता और पारदर्शिता के मूल्यों को बढ़ावा देता है।

    उदाहरण से सीख

    मान लीजिए, एक परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाता है, जिसमें प्रश्नों के उत्तर पहले से रिकॉर्ड हैं। जाँच में पता चलता है कि यह उपकरण एक निजी संस्थान ने प्रदान किया था, जिसने प्रश्न पत्र को अवैध रूप से प्राप्त किया था।

    इस मामले में, परीक्षार्थी को तीन साल की जेल और जुर्माना देना होगा, और संस्थान पर स्थायी प्रतिबंध लगेगा।

    राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022, भर्ती प्रक्रिया की गरिमा और भरोसे को बनाए रखने का प्रयास करता है। इसके प्रावधान सख्त हैं, लेकिन यह निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। इस अधिनियम का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति और संस्थान अपनी जिम्मेदारी निभाए और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाए।

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